सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यूक्रेन-रशिया युद्ध और हाल के दिनों की हिंसा को लेकर हुई कवरेज पर मीडिया चैनलों को सख्त हिदायत दी है। शनिवार को कड़े शब्दों में सलाह जारी करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चेतावनी दी कि अगर ये नहीं रूका तो केंद्र सरकार आवश्यता पड़ने पर कार्रवाई कर सकती है।
मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि कुछ चैनल इन घटनाओं को कवर करने के दौरान “अप्रमाणिक, भ्रामक, सनसनीखेज और सामाजिक रूप से अस्वीकार्य भाषा और टिप्पणियों का उपयोग कर रहे हैं। जो शालीनता को ठेस पहुंचा रहे है। विशेष रूप से, मंत्रालय ने रूस-यूक्रेन संघर्ष और हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक झड़पों की कवरेज को लेकर यह हिदायत दी है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि चैनल यूक्रेन युद्ध पर झूठे दावे कर रहे हैं और “अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ-साथ अभिनेताओं को गलत तरीके से कोट कर रहे हैं। कई चैनलों के कई पत्रकारों और समाचार एंकरों ने दर्शकों को भड़काने के इरादे से मनगढ़ंत बातें कहीं। रूस के परमाणु हमले की आशंका को लेकर भी मंत्रालय ने चैनल को फटकार है।
मंत्रालय ने आरोप लगाया कि चैनल यूक्रेन में संघर्ष के बारे में झूठे दावे कर रहे हैं, और “निंदनीय टैगलाइनों का उपयोग कर रहे हैं। मंत्रालय ने चैनलों पर जहांगीरपुरी हिंसा के कवरेज में “सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने” का भी आरोप लगाया है।
एडवाइजरी में आरोप लगाया गया है कि टीवी चैनलों के कवरेज में “भड़काऊ सुर्खियां और हिंसा के वीडियो शामिल हैं जो समुदायों के बीच सांप्रदायिक नफरत को भड़का सकते हैं। जिससे शांति और कानून व्यवस्था बाधित हो सकती है।”
बता दें कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन एक शोभायात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। हिंसा भड़कने के दो दिन बाद एमसीडी ने अतिक्रमण का हवाला देकर यहां काफी तोड़ फोड़ की थी। यह बुलडोजर एक्शन विवादों में रहा और इसकी लगातार आलोचना हो रही है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई रूकी लेकिन आदेश के बाद भी कुछ देर तक बुलडोजर का एक्शन चलता रहे, जिसे लेकर भी एमसीडी सवालों के घेरे में हैं। इस मामले में विपक्ष ने मोदी सरकार पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है