शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज पार्टी विधायकों के बगावत और राष्ट्रपति चुनाव में मतदान को लेकर मातोश्री में शिवसेना सांसदों की अहम बैठक बुलाई। हालांकि इस बैठक में शिवसेना के 23 में से सिर्फ 12 सांसदों के शामिल होने की खबर हैं। शिवसेना के अधिकांश विधायकों के विद्रोह के बाद अटकले थी कि पार्टी के 12 सांसद भी ठाकरे नेतृत्व को अलविदा कहकर एकनाथ शिंदे के साथ जा सकते हैं।
उद्धव ठाकरे की बैठक में पहुंचे 23 में से सिर्फ 12 सांसद
इसके बाद आज की बैठक में सिर्फ 12 सांसद के मौजूद होने से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। यह भी कहा जा रहा है कि आज की बैठक में इन अनुपस्थित सांसदों पर भी चर्चा की जाएगी। दरअसल राष्ट्रपति चुनाव में किसे वोट देना है, इस पर मुख्य तौर पर चर्चा होनी थी. आज की बैठक में उद्धव ठाकरे खुद सांसदों का मत जानने वाले थे। इस बैठक में तय किया जाना था कि राष्ट्रपति चुनाव में किसे समर्थन देना है।
शिवसेना के पास कुल 19 सांसद हैं। जबकि राज्यसभा में चार सांसद हैं। हालांकि आज की बैठक में 19 में से 10 सांसद ही शामिल हुए हैं। साथ ही, राज्यसभा के चार सांसदों में से भी केवल दो ही मातोश्री पहुंचे हैं। इससे पहले शिवसेना सांसदों की हुई बैठकों में सभी सांसद मौजूद रहते थे।
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई बैठक में इतने सांसद गैरहाजिर हुए है। खासतौर पर तब जब शिवसेना अपने इतिहास की सबसे बड़ी फूट का सामना कर रहा हो। इसके साथ ही बैठक से गायब सांसदों के शिंदे गुट में जाने की चर्चा को बल मिल रहा। दरअसल आज कुछ अनुपस्थित शिवसेना सांसद पहले से ही बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की मांग कर रहे है।
लोकसभा के उपस्थित शिवसेना सांसद
धर्येशील माने, अरविंद रावत, विनायक राउत, श्रीरंग बार्ने, हेमंत गोडसे, राहुल शेवाले, गजानन किर्तीकर, सदाशिव लोखंडे, ओमराजे निंबालकर, प्रतापराव देशमुख।
राज्यसभा के उपस्थित शिवसेना सांसद
संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी।
शिवसेना के अनुपस्थित सांसद
श्रीकांत शिंदे, राजेंद्र गावित, भावना गवली, रामदास तडस, राजन विचारे और अन्य।