भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-3 के ऊपरी कक्षा में पहुंचने की दूसरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। इसरो ने सोमवार को कहा कि अंतरिक्ष यान अब 41603 किलोमीटर X 226 किलोमीटर की कक्षा में है। इसरो ने कहा कि अगला चरण मंगलवार दोपहर दो बजे से तीन बजे के बीच प्रस्तावित है। चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को चंद्रमा के लिए रवाना हुआ था।
14 जुलाई 2023 को सफल लॉन्चिंग
भारत ने चंद्रमा पर अपना महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 मिशन शुक्रवार (14 July 2023) को लॉन्च किया था। इस अंतरिक्ष यान को भारत के सबसे भारी रॉकेट, लॉन्च वाहन मार्क-III (LVM3) पर चंद्रमा की यात्रा पर लॉन्च किया गया। इसके सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो ने कामयाबी का एक और अध्याय लिखा। पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों और कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि चंद्रयान 3 ने अंतरिक्ष में एक नया अध्याय लिख दिया है।
क्या कहा इसरो चीफ ने
वहीं, इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अंतरिक्ष यान बिलकुछ ठीक है। उन्होंने कहा कि एलवीएम-3एम4 रॉकेट ने चंद्रयान-3 को सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है।
अगस्त के अंत तक चांद पर पहुंचेगा चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 अगस्त के अंत तक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। इस दौरान अंतरिक्ष यान लगभग 45 दिनों में 3,84,000 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी करेगा।इसरो के अधिकारियों के अनुसार, उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद यान रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया। लैंडर के साथ प्रणोदन मॉड्यूल, गति प्राप्त करने के बाद चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के लिए एक महीने से अधिक लंबी यात्रा पर तब तक आगे बढ़ेगा जब तक कि यह चंद्रमा की सतह से 100 किमी ऊपर नहीं पहुंच जाता। इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि यहां पहुंचने के बाद लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए उतरना शुरू कर देगा और यह कवायद 23 या 24 अगस्त को होने की उम्मीद है।”