भूमि अधिग्रहण में अनियमितता पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की पूर्व जिलाधिकारी निधि केसरवानी को निलंबित करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। निधि केसरवानी के खिलाफ यह कार्रवाई दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में हुई अनियमितता में संलिप्तता के आरोप के बाद की गई है।
सीएम ऑफिस यूपी के ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई है, “भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं।”
आईएएस निधि केसरवानी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी करने का आरोप हैं। वह जुलाई, 2016 में गाजियाबाद की जिलाधिकारी नियुक्त हुई थीं। तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी केंद्र सरकार में तैनात हैं। सीएम योगी ने निधि केसरवानी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।
इसके अलावा, जमीन घोटाले के आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया है। इस मामले में जांच आख्या उपलब्ध होने के बावजूद आगे की कार्यवाही में देरी करने पर नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारी को भी निलंबित करने का आदेश दिया गया है।
आईएएस निधि केसरवानी इस वक्त केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में तैनातै हैं। निधि केसरवानी 2004 बैच की मणिपुर कैडर से आने वाली आईएएस अधिकारी हैं। इस मामले में आरोप है कि अधिकारियों ने किसानों से सस्ती दरों में जमीनें खरीद लीं, इसके बाद उसे अपने रिश्तेदारों को खरीदवाया और फिर कई गुना अधिक कीमत पर सरकार को बिकवा दी।
मेरठ मंडल के पूर्व आयुक्त प्रभात कुमार ने इस मामले की जांच की थी और इसमें गाजियाबाद की तत्कालीन डीएम आईएएस निधि केसरवानी और अन्य अधिकारियों को दोषी पाया गया था।