जेएनयू परिसर की दीवारों पर छात्रों के समुदाय को धमकाने वाले ब्राह्मण विरोधी नारों के मद्देनजर दिल्ली के एक वकील ने पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता ने पुलिस से भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और बी, 505, 506 और 34 के तहत “अज्ञात व्यक्तियों” के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है। सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल के अनुसार, गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर ‘बनिया’ और ‘ब्राह्मण’ के खिलाफ जातिसूचक नारे लिखे गए थे।
कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर लिखे गए नारे
नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर नारे थे, “ब्राह्मण-बनिया, हम आपके लिए आ रहे हैं, हम आपसे बदला लेंगे, ब्राह्मण परिसर छोड़ दें, ब्राह्मण भारत छोड़ दें, अब खून होगा, शाखा में वापस जाओ”।
सिर्फ नारे ही नहीं जान से मारने की धमकी भी दी
एडवोकेट विनीत जिंदल ने कहा कि, नारे केवल ब्राह्मण छात्रों और शिक्षकों को निशाना बनाने तक सीमित नहीं हैं बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी देते हैं। इस बीच, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है और परिसर को विकृत करने के लिए “अज्ञात तत्वों” को जिम्मेदार ठहराया है।
जेएनयू कुलपति नाराज
जेएनयू कुलपति प्रोफेसर शांतीश्री डी. पंडित ने जेएनयू में अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और संकाय कक्षों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है।
एआईएसए है जिम्मेदार
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि, विश्वविद्यालय की दीवारों पर लिखी गई इस प्रकार की आपत्तिजनक बातें ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन छात्रों द्वारा लिखी गई हैं।
एआईएसए ने किया इनकार
ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन से जुड़े छात्रों ने इस घटना में शामिल होने से इनकार किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संगठन के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष एन साईं बालाजी ने इन आरोपों से इनकार किया है।