राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम साइबर सिटी में असामजिक तत्वों द्वारा सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला सामने आया है। यहां कुछ उपद्रवियों ने मस्जिद में घुसकर नमाज अदा कर रहे लोगों पिटाई की। साथ ही मस्जिद में भी तोड़फोड़ की है। घटना को अंजाम देने के बाद उपद्रवी मस्जिद का गेट बंद कर फरार हो गए।
इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने मस्जिद में तोड़फोड़ करने और वहां के लोगों पर हमला करने के आरोप में कम से कम एक दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी में कहा गया कि कथित घटना बुधवार शाम गुरुग्राम के भोरा कलां इलाके में हुई। प्राथमिकी के अनुसार इलाके के कुछ दबंगों ने एक स्थानीय मस्जिद में तोड़फोड़ की और लोगों के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी भी दी। घटना को अंजाम देने के बाद दबंग मस्जिद का गेट बंद फरार हो गए।
गुरुग्राम के बिलासपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने वाले सूबेदार नजर मोहम्मद ने घटना के बारे में बताया कि भोरा कलां में सिर्फ चार मुस्लिम परिवार रहते हैं। बुधवार को जब वह और अन्य लोग मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे तो कुछ लोगों ने अंदर घुसकर उन पर हमला कर दिया। मोहम्मद ने यह भी दावा किया कि बदमाशों ने उन्हें क्षेत्र छोड़कर जाने की धमकी दी थी।
फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए (जानबूझकर धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 147 (दंगा), 148 (हथियार लेकर दंगा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वहीं पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों राजेश चौहान, अनिल भदौरिया और संजय व्यास की पहचान की है। पुलिस का कहना है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें, अगस्त, 2022 में उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के दुल्हेपुर गांव में सामूहिक नमाज पढ़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो हुआ था। वायरल वीडियो को लेकर यूपी के मुरादाबाद की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल, गांव वालों ने सामूहिक नमाज को लेकर आपत्ति जताई थी, फिर भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक घर में इकट्ठा होकर नमाज पढ़ी थी। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद सियासी पारा काफी चढ़ गया था। जिसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था।