दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को जोरदार झटका दिया है। कोर्ट ने डीलर संघ की याचिका पर फैसला सुनाते हुए घर-घर राशन वितरण योजना को रद्द कर दिया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने दिल्ली में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को रद्द करने का फैसला सुनाया है।
केंद्र के राशन को लेकर योजना का इस्तेमाल
हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन संघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि घर-घर राशन पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार कोई और योजना लाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन वह केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए अनाज का इस्तेमाल घर-घर पहुंचाने की योजना के लिए नहीं कर सकती है।
हाईकोर्ट ने आदेश रखा था सुरक्षित
दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसे लेकर केंद्र और राज्य के बीच खींचातानी देखने को मिली है, जिसे लेकर हाईकोर्ट में भी मामला पहुंचा और दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ और दिल्ली राशन डीलर्स यूनियन की ओर से दायर याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था।
घर-घर राशन योजना को लेकर केंद्र से नहीं मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार की महत्वकांक्षी योजना पर सहमति नहीं मिल पाई थी। इसके बाद से दिल्ली सरकार ने इस योजना के आगे से मुख्यमंत्री शब्द को हटा लिया था। लेकिन फिर भी केंद्र और राज्यपाल की ओर से इसे मंजूरी नहीं दी गई। अब कोर्ट ने इस योजना को रद्द कर दिया है।
कितने लोगों को मिलता है सब्सिडी राशन
दिल्ली में 72 लाख से ज्यादा लोग सब्सिडी वाला राशन पाने के पात्र हैं, इनमें 17 लाख राशन कार्ड धारक हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार शराब की होम डिलीवरी भी कराने की तैयारी कर रही है, जिसे लेकर कैबिनेट की मंजूरी जल्द ही दी जा सकती है।