यमुना में आई उफान से दिल्ली में हाहाकार मचा है। आईटीओ, राजघाट, लालकिला, कश्मीरी गेट, सुप्रीम कोर्ट सहित कई इलाके पानी में डूबे हैं। निचले इलाके से हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सड़क किनारे शरण लेनी पड़ी है। सरकार और प्रशासनिक अमला राहत-बचाव कार्य में जुटा है। साथ ही अब इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली डूबी नहीं डुबोई गई है। आप सांसद संजय सिंह, मंत्री सौरभ भारद्वाज, सीएम अरविंद केजरीवाल सहित कई अन्य नेताओं ने कहा कि साजिशन दिल्ली में इतना पानी छोड़ा गया कि आज राष्ट्रीय राजधानी की यह दशा हो गई है।
दिल्ली में बाढ़ के लिए भाजपा जिम्मेदार
आप ने दिल्ली में बाढ़ के हालात के पीछे भाजपा और केंद्र सरकार की गहरी साजिश करार दिया है। आप का कहना है कि नफरत व दुर्भावना के चलते 9 से 13 जुलाई तक सारा पानी दिल्ली की ओर छोड़ा गया। दिल्लीवालों ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को जिता दिया और एमसीडी में भी ‘आप’ की सरकार बना दी। इसलिए भाजपा दिल्ली से इतनी नफरत करती है।
दिल्ली बाढ़ भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली में आई बाढ़ भाजपा व केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित थी। दिल्ली में तीन दिनों से बारिश नहीं हुई है, फिर भी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, क्योंकि हथिनीकुंड से सारा पानी दिल्ली की ओर यमुना में छोड़ा गया। जबकि, ऐसी स्थिति में हथिनी कुंड से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की तरफ बराबर पानी छोड़ा जाता है।
दिल्ली में बिन बारिश बाढ़ की विभीषिका
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि देश के पांच राज्य हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं। अगर हम दिल्ली की बात करें तो राजधानी में पिछले तीन दिनों से बारिश नहीं हुई है, ऐसे में यहां बाढ़ आने के पीछे की क्या वजह है। सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज दिल्ली के अंदर बिना बारिश के जो बाढ़ आई है, यह एक प्रायोजित की हुई आपदा है। यह प्राकृतिक आपदा नहीं है। इस बात को हम पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकते हैं।
तीन रास्तों से बराबर पानी छोड़ना चाहिए था
सांसद संजय सिंह ने कहा कि हरियाणा में हथिनी कुंड बैराज से एक तरफ पानी दिल्ली की यमुना में आता है, इसके अलावा उत्तर प्रदेश के रास्ते जाता है और कैनाल के रास्ते हरियाणा की तरफ पानी छोड़ा जाता है। बाढ़ की स्थिति होने पर अगर यह तीनों रास्तों में बराबर पानी छोड़ते तो दिल्ली भी सुरक्षित रहती, हरियाणा भी सुरक्षित रहता और उत्तर प्रदेश का इलाका भी सुरक्षित रहता। लेकिन, सारा पानी दिल्ली में ही छोड़ दिया।
दिल्ली में 1978 के बाढ़ से भी विकराल स्थिति
उन्होंने कहा कि मैं लॉक शीट के साथ इस बात को बता रहा हूं। 9 तारीख से 13 तारीख तक लगातार हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाले पानी को रोक दिया गया और हथिनी कुंड बैराज से सारा पानी दिल्ली की तरफ छोड़ा गया। दिल्ली सरकार इन परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए काम कर रही है। वरना जिस तरह से सिर्फ दिल्ली में पानी छोड़ा गया है, उससे तो राजधानी की 1978 से भी ज्यादा भयावह स्थिति होती और पूरी दिल्ली डूब जाती।
अगर बराबर पानी छोड़ते हो इतनी भयावह स्थिति नहीं होगीः आप
सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर बराबर पानी छोड़ते तो इतनी भयावह स्थिति नहीं पैदा होती। आज हरियाणा भी डूब गया है और उत्तर प्रदेश का नोएडा भी पूरा डूब गया है। क्योंकि पानी का 230 किलोमीटर का रास्ता है, उस रास्ते में हरियाणा और यूपी भी आता है, ऐसे में जो भी क्षेत्र इसमें आएगा वह डूबेगा। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली को जानबूझकर डुबोया गया है, साजिशन हथिनीकुंड का सारा पानी दिल्ली में छोड़ा गया।