राजस्थान के झालावाड़ में एक अनोखी घटना हुई है. यहां हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनवाई गई 372 घरों की पूरी कालोनी ही चोरी हो गई है. चौंकिए नहीं, यह हकीकत है. चोरों ने इस कालोनी में बने घरों के खिड़की दरवाजे ही नहीं, ईंट व सरिया तक उड़ा लिया है. यह पूरी वारदात महज आठ महीने के अंदर अंजाम दी गई है. इस कालोनी में घर खरीदने के बाद लोगों ने हाउसिंग बोर्ड से पजेशन ले लिया था. हालांकि अभी तक इस कालोनी में कोई भी खरीदार रहने नहीं आया था.
मामला झालावाड़ के अकलेरा का है. जानकारी के मुताबिक यहां हाउसिंग बोर्ड ने कुल 372 घरों की कॉलोनी बनाई थी. इसका निर्माण कार्य साल 2012-13 में पूरा हुआ था. इसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने नीलामी की कोशिश की, लेकिन उस समय कोई खरीदार ही नहीं आया. ऐसे में साल 2019 में हाउसिंग बोर्ड ने इन सभी घरों की कीमतों पर 50 प्रतिशत का छूट देते हुए दोबारा नीलामी कराई. इसमें करीब करीब सभी घर बिक गए.
चूंकि यह कालोनी कस्बे से दूर और सूनसान इलाके में थी, इसलिए खरीदारों ने पजेशन लेने के बाद यह ताला लगाकर छोड़ दिया. घर खरीदारों के मुताबिक वह समय समय से आकर अपने घरों को देख जाते थे. इस साल जनवरी महीने के आखिर तक सबकुछ ठीक था, लेकिन अब जब वह कालोनी में पहुंचे तो सारे मकान गायब थे. कालोनी के स्थान पर थोड़ा बहुत मलबा जरूर पड़ा है. चोरों ने यहां बने मकानों को गिरा कर खिड़की दरवाजे ही नहीं, ईंट और सरिया तक उखाड़ ले गए.
घर खरीदारों के मुताबिक अब तो सभी के प्लाट भी गायब हो गए हैं. किसी को नहीं पता कि किसका घर किस प्लाट पर बना है. इधर, अकलेरा थाना प्रभारी लक्ष्मी चंद बैरवा ने बताया कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है. अभी तक किसी ने इस संबंध में लिखित शिकायत नहीं दी है. वहीं हाउसिंग बोर्ड के इंजीनियर आरएम कुरेशी का कहना है कि बोर्ड ने पजेशन दे दिया था, ऐसे में घरों के रखरखाव की जिम्मेदारी घर खरीदने वालों की थी. उन्होंने बताया कि इस कालोनी में कई लोगों ने एक से अधिक घर खरीदे थे, लेकिन रहने कोई नहीं आया. इसी प्रकार कुछ लोगों ने खुद ही इन घरों को गिरवा दिया था और अपने तरीके से यहां निर्माण करने वाले थे. उन्होंने बताया कि अब सवाल प्लाट की मार्किंग का है तो, घर खरीदार जब कहेंगे, जमीन की मार्किंग करा दी जाएगी.