कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। तेजी से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बाद भी ये नहीं कहा जा सकता है कि हम इस महामारी से जंग जीत गए हैं।
अगर आंकड़ों की बात करें तो देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 26,041 नए मामले सामने आए हैं और 276 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान 29,621 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।
देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 3,36,78,786 है, जिसमें से 3,29,31,972 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं और 4,47,194 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना के एक्टिव केस 2,99,620 हैं। देश में अब तक 86,01,59,011 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग गई है, जिसमें से 38,18,362 वैक्सीन बीते 24 घंटे में लगी हैं।
घट रहा है कोरोना वैक्सीन का प्रभाव: हाल ही में जो तथ्य सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले है। इसके मुताबिक, कोरोना वैक्सीन का प्रभाव घट रहा है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।
जो डाटा सामने आया है उसके मुताबिक, इंफेक्शन बढ़ रहा है और लोगों के हॉस्पिटल में भर्ती होने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इजरायल में की गई स्टडी ये बताती है कि हालही में वैक्सीनेशन करवाने वालों की तुलना में 2021 की शुरुआत में वैक्सीनेशन करवाने वालों को इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा है।
इसका एक कारण ये भी है कि इंसानों का इम्यून सिस्टम बहुत जटिल है। कोरोना का वायरस मानव शरीर में 2 तरह से जगह बनाता है। वह सर्कुलेसन सिस्टम में घुस सकता है, जहां से वह पूरे शरीर में घूम सकता है। या कई टिश्यूज के सेल्स में जगह बनाता है।
ऐसे में मानव शरीर का इम्यून सिस्टम भी इस वायरस से 2 तरह से लड़ता है। जिसमें पहला तरीका है एंटीबॉडी। लेकिन जब ये वायरस सेल्स में घुस जाता है, तब एंटीबॉडी कुछ नहीं कर सकता। अब इम्यून सिस्टम के पास वायरस के खिलाफ दूसरा हथियार होता है ‘किलर टी सेल आर्म’। ये सेल्स हमारी बॉडी को ही टारगेट करते हैं और वायरस वाले सेल्स पर हमला करते हैं।
इस पूरे प्रोसेस के दौरान कोरोना की वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है। क्योंकि इम्यून सिस्टम को नए वैरिएंट से मुकाबला करना पड़ सकता है। ऐसे में कोरोना से बचाव का सबसे अच्छा तरीका ये है कि वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना गाइडलाइंड का सख्ती से पालन किया जाए।
वैक्सीन के तीसरे डोज को लेकर क्या है चर्चा
ज्यादातर मामलों में ये पाया गया है कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, उनके हॉस्पिटल में भर्ती होने जैसी स्थिति नहीं बन रही है। ऐसे में अगर वैक्सीन का तीसरा डोज लगाया जाता है तो लोगों में वायरस के इंफेक्शन में कमी आएगी और वैक्सीन का प्रभाव बढ़ेगा।
मिले डाटा के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक के बाद एंटीबॉडी के स्तर में सुधार देखा गया है और इसकी प्रभावशीलता में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में ज्यादा आबादी वाले कुछ देश तीसरी खुराक पर विचार कर रहे हैं।
वहीं भारत में अब तक सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लगे हैं, ऐसे में यहां के लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक देने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बीच ये ख्याल रखा जाना भी जरूरी है कि मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कोरोना से बचाव में अहम भूमिका निभाता रहेगा।