”मैं स्कूल समय से ही कांग्रेस, गांधी और नेहरू के बारे में पढ़ता था। मरते दम तक मैं कांग्रेस नहीं छोडूंगा।” 18 महीने पहले यह बयान देने वाले गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है।
आजाद के इस्तीफा देने के बाद उनके कई समर्थकों ने कांग्रेस छोड़ दी है। वहीं, गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद (जीएम) सरूरी , हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पांच पन्नों के इस्तीफे के साथ आजाद का कांग्रेस से पांच दशक पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। अपने त्याग पत्र में आजाद ने सोनिया, राहुल, कांग्रेस और पार्टी के भविष्य पर विस्तार से लिखा है। राहुल गांधी पर उनका खास निशाना रहा है। आइए जानते हैं गुलाम नबी आजाद ने किसके लिए क्या-क्या लिखा है:
राहुल गांधी के बारे में क्या लिखा?
कांग्रेस की खस्ता हालात और 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार बताते हुए आजाद ने लिखा है, ”राहुल की अपरिपक्वता का सबसे बड़ा उदाहरण राहुल गांधी द्वारा मीडिया के सामने अध्यादेश को फाड़ना था। इस बचकाने व्यवहार ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार के अधिकारों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। 2014 में यूपीए सरकार की हार के लिए यह घटना सबसे ज्यादा जिम्मेदार थी।”
सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए आजाद ने बताया है कि कैसे राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। आजाद लिखते हैं, ”2014 से आपके नेतृत्व में और उसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की दो लोकसभा चुनाव में अपमानजनक तरीके से हार हुई है। 2014 से 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से 39 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने केवल चार राज्यों के चुनाव जीते और छह बार गठबंधन की स्थिति में आने में सफल हुई। दुर्भाग्य से आज कांग्रेस का केवल दो राज्यों में शासन है और दो अन्य राज्यों में गठबंधन के सहयोगी हैं।
आजाद ने आरोप लगाया है कि पार्टी रिमोट कंट्रोल से चल रही है। पार्टी के फैसले राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी और पीए भी ले ले रहे हैं। आजाद लिखते हैं, ”यूपीए सरकार की अखंडता को तबाह करने वाला रिमोट कंट्रोल सिस्टम अब कांग्रेस पर लागू हो रहा है। आप (सोनिया गांधी) बस नाम के लिए इस पद पर बैठी हैं। सभी जरूरी फैसले राहुल गांधी ले रहे हैं, उससे भी बदतर यह है कि उनके सुरक्षाकर्मी और निजी सचिव ये फैसले ले रहे हैं।”
राहुल गांधी पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए आजाद ने लिखा है, ”जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके (सोनिया गांधी) द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी।”
सोनिया गांधी के बारे में क्या लिखा?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए आजाद ने अपने इस्तीफे में लिखा है, ”बेशक कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर आपने यूपीए-1 और यूपीए-2 के गठन में शानदार काम किया। उस सफलता का सबसे बड़ा कारण यह था कि आपने अध्यक्ष के तौर पर बुद्धिमान सलाहकारों और वरिष्ठ नेताओं के फैसलों पर भरोसा किया, उन्हें ताकत दी और उनका ख्याल रखा।”
पार्टी के बारे में क्या लिखा?
कांग्रेस पार्टी की बदहाली का हाल बताते हुए आजाद ने लिखा है, ”पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया। कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता। पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह जिम्मेदार।
AICC के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुए। नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ करनी चाहिए थी।”
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे के बाद ऐलान किया है कि वह जम्मू कश्मीर लौटेंगे और अपनी पार्टी बनाएंगे। साथ उन्होंने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को पूरी तरह खारिज किया है।