संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की आज 6 दिसम्बर को 67वीं पुण्यतिथि है। पूरे देश बेहद जोशखरोश के साथ बाबा साहेब अम्बेडकर की पुण्यतिथि मना रहा है। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर पुण्यतिथि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य मंत्रियों और गणमान्य लोगों ने संसद में डॉ बीआर अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस सांसदों ने भी संसद में श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में बी.आर. अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की। साथ में बसपा के संस्थापक कांशीराम को भी श्रद्धांजलि दी।
अम्बेडकर के संघर्ष ने लाखों लोगों को दी उम्मीद – मोदी
महापरिनिर्वाण दिवस पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहाकि, मैं डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं। उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी और भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
संविधान निर्माता डॉ. बीआर अम्बेडकर कौन हैं जानें
बाबासाहेब डॉ. बीआर अम्बेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता कहा जाता हैं। डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में उन्होंने एक प्रमुख भूमिका निभाई। अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई थी। वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। अम्बेडकर ने निचली जाति और अछूतों के विकास और उत्थान के लिए लड़ाई लड़ी। 31 मार्च 1990 में उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया