मिग 29K लड़ाकू विमान गोवा तट पर नियमित उड़ान के दौरान क्रैश हो गया है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक तकनीकि खराबी आने के कारण समुद्र के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इंडियन नेवी ने बताया कि पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. घटना के कारणों की जांच के लिए एक पूछताछ बोर्ड (BOI) को आदेश दिया गया है.
कुछ देर पहले मिग 29k लड़ाकू विमान के क्रैश होने की जानकारी सामने आई है. विमान नियमित उड़ान का हिस्सा था. पायलट इसको लेकर समुद्र के ऊपर से गुजर रहे थे उसी वक्त टेक्निकल एरर के कारण विमान वहीं पर क्रैश हो गया. हालांकि इसमें पायलट की जान बचा ली गई है. विमान के दुर्घटनाग्रस्त को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जांच के लिए आदेश दिए गए हैं.
2016 में CAG रिपोर्ट में सामने आईं थीं खामियां
भारत ने 2004 और 2010 में किए गए दो आदेशों में रूस से कुल 45 मिग-29K खरीदे थे. इनमें से किसी भी दुर्घटना से बहुत पहले इस विमान का नाम तय हो चुका था. जब 23 जून, 2011 में एक रूसी मिग 29k ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दोनों पायलटों की मौत हो गई. इसके बाद ही विमान की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे. फिर, जुलाई 2016 में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने आरोप लगाया कि भारत का मिग-29k के एयरफ्रेम, आरडी एमके-33 इंजन और फ्लाई बाय वायर सिस्टम से संबंधित समस्याओं से भरा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया था कि युद्धक विमानों की सर्विसेबिलिटी बेहद कम है. यह 15.93 फीसदी से 37.63 फीसदी तक है और मिग-29के यूबी की सर्विसेबिलिटी 21.30 प्रतिशत से 47.14 फीसदी तक है.
तवांग में सेना का हेलिकॉप्टर हुआ था क्रैश
कुछ दिन पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में सुबह सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल शहीद हुए थे, जबकि सह पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया. इस दुर्घटना के बाद, एक बार फिर सबकी नजरें पुराने हो चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के बेड़े पर थीं, जिनमें आधुनिक उपकरणों की कमी है और जिन्हें बदलने की सख्त जरूरत है. अधिकारियों ने बताया था दुर्घटना में शहीद हुए पायलट की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि घायल हुए सह पायलट मेजर हैं और उन्हें कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था.