गुजरात सरकार ने आदिवासी समाज को तीर्थ यात्रा के लिए पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि अयोध्या जाने वाले आदिवासी श्रद्धालुओं को सरकार ये लाभ देगी। वहीं गुजरात सरकार के पर्यटन मंत्री का मानना है कि ये श्रद्धालु, रामायण में उल्लेखित शबरी के वंशज हैं।
गुजरात के पर्यटन मंत्री पूर्णेश मोदी ने शनिवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि गुजरात सरकार अयोध्या में राम जन्मभूमि की यात्रा करने वाले प्रत्येक आदिवासी व्यक्ति को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता देगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोग शबरी माता के वंशज हैं जो 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम से मिली थीं।
शुक्रवार को आदिवासी बहुल डांग जिले के सुबीर गांव में स्थित शबरी धाम में दर्शकों को संबोधित करते हुए मोदी ने वित्तीय सहायता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ये राशि कैलाश मानसरोवर यात्रा, सिंधु दर्शन और श्रवण तीर्थ यात्रा के लिए दी गई समान सहायता के अनुरूप ही है।
एक दशहरा समारोह के दौरान पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डांग के सापुतारा से नर्मदा जिले में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक एक पर्यटन सर्किट का निर्माण शुरू कर दिया है। आदिवसियों के पांच हजार रुपये देने की घोषणा के बाद से राजनीति गलियारों में भी सियासत गरमा गई है।
कांग्रेस इसे चुनाव से पहले आदिवासियों को लुभाने वाली योजना बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सालों से गुजरात में शासन कर रही है, लेकिन आदिवासियों के विकास के लिए आजतक उन्होंने कुछ नहीं किया। अब जब चुनाव नजदीक है तो उन्हें लुभाने के लिए ऐसी घोषणाएं की जा रही हैं।
विजय रुपानी सरकार के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने जो सरकार बनाई है उसमें भी आदिवासी समुदाय का खास ध्यान रखा गया है। इस समय भूपेंद्र पटेल मंत्रीमंडल में चार आदिवासी मंत्री है। आदिवासी वोटों को लेकर माना जाता रहा है उसपर कांग्रेस की पकड़ मजबूत है। इसलिए बीजेपी इस बार कांग्रेस के इस कोर वोट बैंक को तोड़ने की कोशिशों में लगी हुई है।