भारत सरकार ने शुक्रवार (19 मई) को सजा पूरी होने पर 22 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों द्वारा अटारी-वाघा सीमा पर संयुक्त जांच चौकी (JCP) पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया गया।22 पाकिस्तानी कैदियों को भारत ने किया रिहाअधिकारियों का कहना है कि इन सभी कैदियों को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा जारी किए गए आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र के आधार पर पाकिस्तान भेजा गया है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि जब इन पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई थी तब इनके पास यात्रा को लेकर कोई दस्तावेज नहीं पाया गया था।जिन 22 कैदियों को रिहा किया गया है उनमें से 9 मछुआरे गुजरात की कच्छ जेल में, 10 अमृतसर के केंद्रीय कारागार और तीन अन्य जेलों में बंद थे। इन मछुआरों को भारतीय नौसेना ने गिरफ्तार किया था।
198 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान ने किया रिहाइससे पहले पाकिस्तान ने भी पिछले हफ्ते भारतीय मछुआरों को रिहा किया था। पाकिस्तान की मलीर जेल में बंद 198 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था। उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था। इस दौरान मलीर जेल अधीक्षक नजीर टुनियो ने कहा था कि उनकी तरफ से अभी भारतीय मछुआरों के पहले जत्थे को रिहा किया गया है। जून-जुलाई में कई और कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। मलीर जेल अधीक्षक ने बताया था कि इस बार 200 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाना था लेकिन 2 मछुआरों की बीमारी के कारण मौत हो गई जबकि 200 और 100 मछुआरों को बाद में रिहा किया जाएगा।
BSF ने मार गिराए पाकिस्तान के दो संदिग्ध ड्रोन
बीएसएफ ने शुक्रवार रात पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के दो संदिग्ध ड्रोन मार गिराए। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि दोनों घटनाएं अमृतसर के इलाकों में हुईं। उन्होंने बताया कि पहला ड्रोन डीजेआई मैट्रिस 300 आरटीके अमृतसर के उधर धारीवाल गांव से बरामद हुआ। प्रवक्ता के मुताबिक, बीएसएफ जवानों ने शुक्रवार रात करीब नौ बजे गोलीबारी कर इस मानवरहित हवाई यान (UAV) को मार गिराया। उन्होंने बताया कि दूसरा ड्रोन डीजेआई मैट्रिस आरटीके 300 अमृतसर के रतन खुर्द गांव से बरामद किया गया। BSF प्रवक्ता के अनुसार, दूसरे ड्रोन से दो पैकेट जुड़े हुए थे जिनमें से 2।6 किलोग्राम संदिग्ध हेरोइन बरामद की गई है।