जामा मस्जिद के शाही इमाम ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाए जाने का विरोध किया है। जहांगीरपुरी में बुलडोजर एक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए शाही इमाम ने शुक्रवार को नमाज के बाद कहा कि परिंदों को चोट लगती है तो वो भी चोंच मारते हैं, यहांं तो लोगों के बसे-बसाए घरों पर बुलडोजर पर चला दिए।
शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने अलविदा की नमाज पर हजारों की संख्या में लोगों को खिताब करते हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी और मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहांगीरपुरी में जो बुलडोजर चला क्या वह सही था?
अहमद बुखारी ने कहा कि अगर सही जांच होती तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाता, 70 सालों तक हम बेबस रहे। शाही इमाम ने कहा कि मुसलमान की हालत उस मोर जैसी है जो नाचता है और अपने पैरों का देखते ही रो पड़ता है। जहांगीरपुरी और खरगोन की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हिंदू-मुसलमान दोनों फ्रिकमंद हैं कि नफरत ऐसे ही बढ़ती रही तो उनका भविष्य क्या होगा।
जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा, “हमारी तो गंगा-जमुनी तहजीब रही है और हम एक-दूसरे की मिठाइयां तकसीम करते हैं। लेकिन आज इन नफरतों से मुल्क बिखर न जाए, इसकी सबको चिंता है। मुट्ठी भर लोग इस देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”
पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
अहमद बुखारी ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री किसी एक का नहीं होता है, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सभी के होते हैं, हिंदू-मुसलमान सभी के होते हैं। उन्होंने कहा कि वे पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का समय लेंगे और उनसे मौजूदा हालात पर बात करेंगे। शाही इमाम ने कहा कि वे इस संबंध में प्रधानमंत्री को खत लिखेंगे क्योंकि हिंदू-मुसलमान को बचाना जरूरी है। बता दें कि शुक्रवार को देश भर की मस्जिदों में अलविदा की नमाज अदा की गई।