प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने शुरुआते में स्टूडेंट्स से पूछा- आप लोगों टेंशन है या फिर पैरेंट्स को? पीएम ने आगे कहा कि कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि उनकी बात रह गई। पर इस बार कोशिश रहेगी कि जो सवाल रह जाएंगे, उन्हें बाद में कई माध्यमों से नमो ऐप पर रखेंगे। उसमें भी नया प्रयोग करते हुए एक साइट बनाई गई है।
मोदी बोले कि ऐसा लग रहा कि मुझे ही तैयारी से गुजरना होगा। आपको सोचना होगा कि क्या आप पहली बार परीक्षा देने जा रहे हैं। मतलब आप बहुत सारे एग्जाम दे चुके हैं। इतना बड़ा समुंदर पार करने के बाद किनारे पर डूबने का डर रहता है क्या? मन में तय कर लें कि परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है।
वह आगे बोले- ऑनलाइन या ऑफलाइन का दोष नहीं है। माध्यम नहीं मन समस्या है। समय के साथ पढ़ाई के माध्यम बदले हैं। मन से पढ़ेंगे तो ध्यान नहीं भटकेगा। पढ़ाई के समय दिमाग पढ़ाई में रखें। ऑनलाइन पाने के लिए है। ऑफलाइन बनने के लिए है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का पूरे हिंदुस्तान में जोरदार स्वागत हुआ है। इसे सरकार ने नहीं बल्कि नागरिकों और टीचर्स ने देश के भविष्य के लिए बनाया है। पहले हमारे यहां खेलकूद को एक्ट्रा एक्टिविटी माना जाता है, पर इस नीति के तहत वह शिक्षा का हिस्सा बन गया है। यानी बिना खेले कोई खिल और खुल नहीं सकता है।
‘बच्चों पर न थोंपे अपने सपने’, पैरेंट्स से पीएम की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान एक स्टूडेंट के सवाल पर पैरेंट्स से अपील की कि वे अपने अधूरे सपनों को बच्चों पर न थोपें।
मोदी के भाषण की बड़ी बातेंः
– मन से पढ़ें ध्यान न भटकेगा
– डिजिटल पढ़ाई वक्त की जरूरत
– ज्ञान हासिल करने के असीमित साधन
– नई शिक्षा नीति भविष्य के लिए है
– खेल कूद भी जिंदगी में बहुत अहम है
– बच्चों की पसंद-नापसंद का रखें ख्याल
20वीं सदी की सोच के साथ क्या 21वीं सदी में आगे बढ़ सकते हैं?- पूछने लगे पीएम मोदी
मोदी ने सबसे पूछा कि क्या 20वीं सदी की सोच, नीति और व्यवस्था के साथ 21वीं सदी में आगे बढ़ सकते हैं क्या? लोगों ने इसका जवाब न में दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर हम समय के साथ बदलेंगे नहीं तो पिछड़ जाएंगे। देश का नुकसान होगा।