सोमवार सुबह मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामे के बीच कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित किया गया था। इसके बाद अब राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। राज्यसभा सभापति ने आप सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया है।
विपक्षी सांसद पीएम मोदी के इस मामले को लेकर बयान और चर्चा की मांग पर अड़े हुए हैं। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन को सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा, ”आप आसन को चुनौती दे रहे हैं.” इसके कुछ ही देर बाद हंगामे के बीच उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष यह तय नहीं कर पा रहा है कि कौन जवाब देगा।
भाजपा और विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन
सांसद का सत्र शुरू होने से पहले जहां एक ओर विपक्षी दल मणिपुर मामले को लेकर प्रदर्शन करते दिखाई दिए वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने आज संसद में गांधी प्रतिमा के पास अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किया। जहां विपक्ष ने संसद में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की, वहीं भाजपा सांसदों ने राजस्थान में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर विरोध जताया।
सांसदों के बयान
मणिपुर मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जया बच्चन ने कहा, “मणिपुर की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है, लेकिन भारत में नहीं… मैं और क्या कह सकती हूं? यह शर्म की बात है। वे नहीं चाहते कि चर्चा हो।” उन्होंने कहा, “भाजपा शासित राज्यों पर चर्चा के लिए भाजपा तैयार नहीं है।”
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज संसद के अंदर मणिपुर में चल रही हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते हुए विपक्षी मोर्चा इंडिया के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
विरोध के बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “यह शर्मनाक है कि जब संसद सत्र चल रहा है तो प्रधानमंत्री सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। मणिपुर हिंसा पर संसद के अंदर व्यापक बयान देना उनका कर्तव्य है। इसलिए हम राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध कर रहे हैं कि पीएम को इस पर बयान देना चाहिए कि मणिपुर में क्या स्थिति है।”