मऊ (Mau) जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को 2011 में उनके ऊपर दर्ज हुए गैंगेस्टर एक्ट (Gangster Act) के मामले में जमानत देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. बाहुबली मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने बताया कि मऊ जिले की एमपी एमएलए कोर्ट ने थाना दक्षिण टोला के अंतर्गत आरटीओ ऑफिस में हुए एक मामले के गवाह और उसके गनर के हत्याकांड के मामले में मुख्तार को आरोपी बनाया था. इस मामले में उनके ऊपर गैंगस्टर की धारा लगाई गई थी. जिसकी सुनवाई चल रही थी और इसमें लगभग 10 साल का समय बीत चुका था.
वहीं अधिवक्ता दरोगा सिंह ने बताया कि गैंगस्टर के मामले में पूरी सजा 10 साल की होती है. इस मामले में हमने अपना अदालत के सामने पक्ष रखा, जिस पर सुनवाई करते हुए आज माननीय कोर्ट ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी को एक लाख के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दे दिया है.
अभी भी रहना होगा जेल में
हालांकि मुख्तार पर कई अन्य मामले भी पिछले दिनों दर्ज हुए हैं. उनमें अभी जमानत नहीं मिली है, जिसके कारण मुख्तार के जेल से बाहर आने पर संशय बना हुआ है. माना जा रहा है कि यूपी चुनाव के दौरान मुख्तार को बांदा जेल में ही रहना पड़ेगा.
मुख्तार नहीं लड़ेंगे चुनाव
जेल में बंद माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी 1996 से मऊ सदर विधानसभा सीट से जीत कर उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचते रहे हैं. लेकिन मुख्तार अब चुनाव नहीं लड़ेंगे. अखिलेश यादव की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP)- समाजवादी पार्टी (सपा) ने मऊ सदर सीट से मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के सातवें और आखिरी चरण में मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र में मतदान होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्तार अंसारी के बेटे ने पुष्टि की कि उनके पिता यूपी चुनाव नहीं लड़ेंगे. अब्बास ने मऊ सदर विधानसभा सीट जीतने और अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का भरोसा जताया.
अब्बास ने कहा, “मेरे पिता मऊ सदर से पांच बार विधायक हैं. वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना एक बेटे का कर्तव्य है. मऊ मेरी ‘कर्मभूमि’ है और मैं अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाऊंगा.”