केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए मंगलवार को कुछ महत्वपूर्व कदमों की घोषणा की है। एक प्रेस कांफ्रेंस में राज्य पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा सुझाए गए उपायों में वर्क फ्रॉम होम नीति, कंस्ट्रक्शन और उद्योगों पर प्रतिबंध शामिल है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि सरकार का ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ वाला वाहन अभियान, जो 18 नवंबर को समाप्त होने वाला था, को और 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। राय ने कहा कि अभियान का दूसरा चरण, जिसके तहत लोगों से प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल पर इंतजार करते हुए अपने इंजन बंद करने का आग्रह किया जाता है, 19 नवंबर से शुरू होगा और 3 दिसंबर तक जारी रहेगा।
राय ने प्रदूषण में पराली के संबंध में केंद्र के दावों पर भी स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा- “अपने हलफनामे में, केंद्र ने वायु प्रदूषण में 4% और 35-40% दोनों में पराली जलाने के योगदान का उल्लेख किया है। यह स्पष्ट किया जाना चाहिए…दोनों सही कैसे हो सकते हैं? मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से डेटा को सत्यापित करने का आग्रह करता हूं”।
एनसीआर में प्रदूषण पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक के बारे में राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने संकट से निपटने के लिए वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी, उद्योगों पर प्रतिबंध और निर्माण कार्य बंद करने का सुझाव दिया है। बैठक में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के अलावा अन्य सभी संबंधित विभागों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार भाग लिया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दोनों ही सरकारों ने इसके बारे में जबाव मांगा था।
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अभी भी खराब बना हुआ है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 दर्ज किया गया। मंगलवार को लगातार तीसरे दिन हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुई है।