केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में साल भर तक चले किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में किसी किसान की मौत नहीं हुई। साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजे का विषय संबंधित राज्य सरकारों का है।
अधिकांश किसान संगठन तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, जिन्हें अब खत्म कर दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने और एमएसपी समेत किसानों की प्रमुख लंबित मांगों को स्वीकार करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को स्थगित कर दिया।
कांग्रेस नेता धीरज प्रसाद साहू और आप नेता संजय सिंह के संयुक्त प्रश्न के जवाब में नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, “आंदोलन में मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजे का मामला संबंधित राज्य सरकारों के पास है। किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की कार्रवाई से किसी भी किसान की मौत नहीं हुई।”
तीनों कृषि कानून के रद्द किए जाने के बाद सरकार ने किसानों की बाकी मांगें भी मान ली हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज किए गए सभी केस तुरंत वापस लेने का ऐलान किया गया है। मुआवजे को लेकर भी उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार ने सहमति दे दी है। साथ ही पराली को लेकर भी किसानों के ऊपर कैद और जुर्माने का प्रावधान हटाने का आश्वासन सरकार की तरफ से दिया गया है।