पांच प्रतिष्ठित मुस्लिमों से मिले RSS चीफ मोहन भागवत, गोहत्या सहित कई मुद्दों पर बात

209 0

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पांच मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ एक बैठक की और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में गोहत्या से लेकर अपमानजनक संदर्भों के उपयोग तक के मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने दोनों समुदायों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बातचीत जारी रखने के लिए समय-समय पर मिलने का संकल्प भी लिया।

मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ आरएसएस प्रमुख की बैठक का समय आधा घंटा निर्धारित था, लेकिन ये बैठक 75 मिनट तक चली। यह बैठक संघ के दिल्ली स्थित कार्यालय उदासीन आश्रम में एक महीने पहले हुई। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व एएमयू कुलपति और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ज़मीर उद्दीन शाह, आरएलडी नेता शाहिद सिद्दीकी और व्यवसायी सईद शेरवानी शामिल थे।

एस वाई कुरैशी और शाहिद सिद्दीकी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बैठक के बाद आरएसएस प्रमुख भागवत ने नियमित रूप से मुस्लिम समुदाय के संपर्क में रहने के लिए चार वरिष्ठ पदाधिकारियों को नियुक्त किया। अपनी तरफ से हम मुस्लिम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, लेखकों से संपर्क कर रहे हैं ताकि आरएसएस के साथ इस संवाद को जारी रखा जा सके।”

एस वाई कुरैशी ने कहा, “उन्होंने (मोहन भागवत) हमें बताया कि लोग गोहत्या और काफिर (गैर-मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले) जैसे शब्दों से नाखुश थे। जवाब में हमने कहा कि हमें भी इससे सरोकार है और अगर कोई गोहत्या में शामिल है तो उसे कानून के तहत सजा मिलनी चाहिए। हमने उनसे कहा कि अरबी में काफिर का इस्तेमाल अविश्वासियों के लिए किया जाता है और यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे सुलझाया नहीं जा सकता। हमने उनसे कहा कि हमें भी दुख होता है जब किसी भारतीय मुसलमान को पाकिस्तानी या जेहादी कहा जाता है।”

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “नुपुर शर्मा की घटना के समय उन्होंने सबसे पहले आरएसएस से मिलने की मांग की थी। हमें लगा कि इस घटना के कारण मुस्लिम समुदाय के भीतर भी एक जहरीला माहौल बना दिया गया है। हालाँकि जब तक हमें मोहन भागवत से मिलने की तारीख मिली, तब तक नूपुर शर्मा की घटना को एक महीना हो चुका था और विवाद काफी कम हो चुका है। इसलिए हमने दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य के मामलों पर चर्चा की।”

हालांकि आरएसएस के प्रचारक सुनील आंबेकर ने बैठक पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन संघ के एक सूत्र ने बताया कि संघ प्रमुख मोहन भागवत से इस तरह की अपॉइंटमेंट जो भी मांगता है, उसे समय मिलता है।

एस वाई कुरैशी ने कहा, “बातचीत बहुत सौहार्दपूर्ण रही। हमने चर्चा की कि 99 प्रतिशत भारतीय मुसलमान बाहर से नहीं आए हैं, बल्कि यहां धर्मांतरित हुए हैं। मोहन भागवत ने कहा कि जहां हिंदू मूर्तियों की पूजा करते हैं, वहीं भारतीय मुसलमान भी काबरा (कब्र) में प्रार्थना करते हैं। देश की प्रगति के लिए सांप्रदायिक सद्भाव जरूरी है और हम सभी सहमत हैं।”

Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

हनुमान चालीसा पर हंगामाः MP नवनीत राणा के घर के बाहर शिवसैनिकों का हंगामा, बैरिकेड्स तोड़ बोले- स्वागत को आए हैं, दम है तो नीचे आएं

Posted by - April 23, 2022 0
महाराष्ट्र के मुंबई में सांसद नवनीत राणा के घर के बाहर शनिवार (23 अप्रैल, 2022) सुबह जमकर हंगामा हुआ। शिवसैनिकों…

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान आज, चुनाव आयोग करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस

Posted by - January 8, 2022 0
चुनाव आयोग आज करीब दोपहर 3:30 बजे पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा।…

जिनके पास 1932 का खतियान वही झारखंडी- आरक्षण संशोधन विधेयक, स्थानीय नीति विधानसभा से पास; CM बोले- विरोधियों से डरने वाले नहीं

Posted by - November 11, 2022 0
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में 1932 आधारित स्थानीय नीति और आरक्षण संशोधन विधेयक पास कर दिया गया। इस विधेयक…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *