बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Anand Mohan) में सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अटॉर्नी जनरल को भी नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि आनंद मोहन सिंह की रिहाई के खिलाफ आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार से जेल मैन्युअल में किए गए बदलाव से संबंध रिकॉर्ड तलब किया है।
बिहार सरकार ने किया था नियमों में बदलाव
बता दें कि बिहार सरकार ने आनंद मोहन सिंह की रिहाई के लिए जेल मैन्युअल में बदलाव किया था। पहले इस मामले में लोकसेवक की हत्या को अपवाद माना गया था। ऐसे मामलों में उम्रकैद की सजा वाले कैदियों को रिहाई नहीं दी जाती थी। नियमों में बदलाव के बाद लोकसेवक की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पाने वाले कैदी को भी 14 साल पूरा होने के बाद जेल से रिहा किया जा सकेगा। बिहार सरकार के इस फैसले पर कई लोगों ने नाराजगी जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट गया था मामला
आनंद मोहन सिंह की 26 अप्रैल को जेल से रिहाई की गई थी। इसके बाद जी कृष्णैया की पत्नी ने उमा देवी ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने पूरे मामले में राज्य सरकार ने 14 दिनों में जवाब मांगा है।
आईएएस एसोसिएशन ने जताई नाराजगी
इस मामले को लेकर आईएएस एसोसिएशन ने भी नाराजगी जताई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर आईएएस एसोसिएशन इस मामले में हस्तक्षेप दर्ज कराना चाहती है तो उन्हें भी इसका मौका दिया जाएगा।