देशद्रोह कानून खत्म होगा! लॉ कमीशन ने गवर्नमेंट को सौंपी रिपोर्ट, दिए ये सुझाव

98 0

भारत के विधि आयोग यानी लॉ कमीशन ने देशद्रोह कानून पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देशद्रोह से निपटने वाली आईपीसी की धारा 124A को इसके दुरुपयोग से रोकने के लिए कुछ सुरक्षा उपायों के साथ बरकरार रखा जाना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इसमें कुछ जरुरी संशोधन की जरूरत है ताकि प्रावधान के उपयोग के संबंध में अधिक पारदर्शिता और स्पष्टता लाई जा सके और धारा 124A के गलत उपयोग संबंधी विचार पर ध्यान देते हुए रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई कि केंद्र द्वारा हो रहे दुरुपयोगों पर रोक लगाते हुए आदर्श और उचित दिशानिर्देश जारी करने की जरूरत है। अभी- अभी बने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे अपने कवरिंग लेटर में 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस रितु राज अवस्थी ने कुछ सुझाव भी दिए हैं।

क्या सुझाव दिया गया

इस रिपोर्ट में कहा गया कि IPC की धारा 124A जैसे प्रावधान की गैरमौजूदगी में, सरकार के खिलाफ हिंसा भड़काने वाली किसी भी व्यक्ति पर निश्चित रूप से विशेष लॉ और आतंकवाद विरोधी लॉ के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। जिसमें अभियुक्तों से निपटने के लिए कहीं अधिक कड़े प्रावधान हैं। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है की न्यूनतम 3 साल की सजा को बढ़ा कर 7 साल किया जाए। साथ हीं 124A में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा मिले।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि आईपीसी की धारा 124A को केवल इस आधार पर ख़त्म करना कि कुछ देशों ने ऐसा किया है ये ठीक नहीं है क्योंकि ऐसा करना भारत में मौजूद जमीनी हकीकत से आंखें मूंद लेने की तरह होगा। यहां की स्थिति अन्य देशों से भिन्न है, यहां अलग तरह की चैलेंजेज हैं। तो इसे यहां के तौर तरीकों से निपटना होगा, ना की किसी दुसरे देश से नक़ल कर के।

कानून ख़त्म करने से देश विरोधी ताकतों को बल मिलेगा और वो इस कानून के निरस्त होने का गलत फाएदा उठाएंगे। आयोग ने यह भी कहा कि औपनिवेशिक विरासत होने के आधार पर राजद्रोह को निरस्त करना उचित नहीं है। इसे निरस्त करने से देश की अखंड़ता और सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है, जो भारत के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा।

मानसून सेशन में पेश होगा बिल

मोदी सरकार देशद्रोह कानून में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसे लेकर संसद के मानसून सत्र में एक प्रस्ताव लाया जा सकता है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बीती एक मई को भी इसके बारे में जानकारी दी थी। सरकार का कहना है कि 124A की समीक्षा की प्रक्रिया आखिरी चरण में है। बता दें कि, कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था।

SC ने कानून पर लगाया था रोक

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल मई के महीने में देशद्रोह कानून को स्थगित कर दिया था। तब राज्य सरकारों से कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार की ओर से इस कानून को लेकर जांच पूरी होने तक इस प्रावधान के तहत सभी लंबित कार्यवाही में जांच जारी न रखें। जो केस लंबित हैं, उन पर यथास्थिति बनाई जाए।

पांच पक्षों ने SC में 10 याचिकाएं दाखिल कीं थी

Editors Guild Of India, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा समेत पांच पक्षों की तरफ से देशद्रोह कानून को चुनौती देने के लिए याचिका दायर की गई थी। मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आज के समय में इस कानून की जरूरत नहीं है। सरकार इसका गलत उपयोग कर रही है। सरकार जनता की आवाज कुचलना चाहती है। इस मामले की सुनवाई CJI एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच कर रही है। इस बेंच में जस्टिस सूर्यकांत त्रिपाठी और जस्टिस हिमा कोहली भी शामिल हैं।

Spread the love

Awaz Live

Awaz Live Hindi Editorial Team members are listed below:

Related Post

कोरोना मामलों में फिर बड़ा उछाल, 24 घंटे में आए 7,830 नए मामले, एक्टिव केस भी हुए 40 हजार के पार

Posted by - April 12, 2023 0
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में…

बिहार के मोकामा में पश्चिम बंगाल की जिम्नास्टिक टीम से अमृतसर मेल में डकैती, महत्वपूर्ण कागजात और लाखों रुपए की लगी चपत

Posted by - June 4, 2022 0
अमृतसर में खेलो इंडिया कार्यक्रम में भाग लेने जा रही पश्चिम बंगाल की जिम्नास्टिक टीम भयानक ट्रेन डकैती का शिकार…

‘ऑपरेशन गंगा के तहत 90 फ्लाइट्स ने भरी उड़ान, यूक्रेन से 22500 छात्रों की हुई भारत वापसी’- विदेश मंत्री जयशंकर

Posted by - March 15, 2022 0
रूस और यूक्रेन के बीच आज 20वें दिन भी जंग (Russia Ukraine War) जारी है. दोनों देशों के मध्य छिड़े…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *