हथियार सौदों की दलाली करने वाले एवं कर चोरी के मामलों में आरोपी संजय भंडारी को बड़ा झटका लगा है। ब्रिटेन की अदालत ने भंडारी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। इसे मामले में भारत की जीत हुई है। लंदन स्थित वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट ने भंडारी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है। साथ ही जज ने प्रत्यर्पण के इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए देश के गृह मंत्रालय को भी निर्देश जारी किए हैं। भंडारी पर हथियार सौदों में दलाली और कर चोरी करने सहित अन्य आरोप हैं।
भंडारी पर आय कर विभाग से जालसाजी करने का आरोप
भंडारी पर आरोप है कि उसने जानबूझकर एक जुलाई 2015 से सात फरवरी 2017 के बीच आय कर विभाग के साथ जालसाजी की। इसने आयकर विभाग से अपनी वास्तविक छिपाई। भारतीय नागरिक होते हुए भी विदेश में अपनी संपत्तियों के बारे में एवं वहां से होने वाली कमाई के बारे में उसे ब्योरा देना था लेकिन उसने जांच एजेंसी को इसके बारे में सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। भंडारी पर कई रक्षा सौदों में रिश्वत लेने और मनीलॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।
पिलैटस डील में बिचौलिये की भूमिका निभाने का आरोप
आरोप यह भी है कि उसने पिलैटस डील में बिचौलिये की भूमिका निभाई और साल 2009 में स्विजटजरलैंड की एक कंपनी से 75 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट खरीदने वाले फैसले को प्रभावित करने के लिए भारतीय वायु सेना एवं रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को घूस दी। पिलैटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड ने 2,895 करोड़ रुपए का सौदा पाने के लिए कथित रूप से दुबई स्थित अपनी कंपनी ऑफसेट इंडिया सोल्यूशंस एफजेडसी के बैंक अकाउंट में कथित रूप से भुगतान किया।
जुलाई 2020 में लंदन में गिरफ्तार हुआ भंडारी
इन सभी मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया है। अपने ऊपर शिकंजा कसता देख भंडारी साल 2016 में देश से फरार हो गया। हालांकि, उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हुआ था। प्रत्यर्पण के एक वारंट पर उसे गत 15 जुलाई 2020 को लंदन में गिरफ्तार किया गया। कहा जाता है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ कारोबारी संबंध हैं। हालांकि, वाड्रा ने भंडारी के साथ किसी तरह का संबंध होने से हमेशा इंकार किया है।