श्रद्धा हत्याकांड में पुलिस को पांच चाकू बरामद हुए हैं पुलिस ने बताया कि इन्ही चाकुओं से उसने श्रद्धा के 35 टुकड़े किए थे। वहीं सबूतों की तलाश (Quest of Evidence) में दिल्ली पुलिस की एक टीम महाराष्ट्र के ठाणे जिले के ग्रामीण इलाके में स्थित भायंदर खाड़ी पहुंची है। दिल्ली पुलिस ने यहां खाड़ी के पानी में भी सबूतों की तलाश की है। हालांकि इस दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को वहां क्या मिला क्या नहीं इस बात की जानकारी उन्होंने मीडिया को नहीं शेयर की है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली (Delhi) में आफताब (Aaftab) का पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) जारी है।
इस वजह से बुधवार को नहीं हो पाया था पॉलीग्राफ टेस्ट
दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Walkar Murder Case) में पुलिस सबूतों की तलाश में भटक रही है अभी तक पुलिस को कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। वहीं इसके पहले बुधवार (23 नवंबर) को श्रद्धा हत्या केस (Shraddha Murder Case) के आरोपी आफताब पूनावाला (Aaftab Poonawala) का पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) नहीं हो पाया था। बुधवार को पुलिस ने बताया कि वो अस्वस्थ है इस वजह से उसका पॉलीग्राफी टेस्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे टेस्ट के नतीजों पर असर पड़ सकता है। नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसे साकेत कोर्ट ने मंजूर कर ली थी।
FSL की निदेशक दीपा वर्मा ने बताया हो रहा है Polygraph Test
श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Walkar Murder Case) के आरोपी आफताब पूनावाला (Aaftab Poonawala) पर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की निदेशक दीपा वर्मा (Deepa Verma) ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट चल रहा है, इसके अभी और भी सेशन हो सकते हैं। इस दौरान उन्होंने ज्यादा जानकारी मीडिया को नहीं दी और कहा हम इसके बारे में इतना ही बता सकते हैं। अब इस टेस्ट के बाद विशेषज्ञों की एक सामूहिक टीम तय करेगी कि नार्को टेस्ट कब किया जाएगा।
18 मई 2022 को हुआ था श्रद्धा का कत्ल
इसके पहले 18 मई 2022 को कथित तौर पर श्रद्धा वालकर (Shraddha Walkar) के लिव-इन पार्टनर (Live-In- Partner) आफताब पूनावाला (Aaftab Poonawala) ने दिल्ली (Delhi) के महरौली (Mehrauli) में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या के बाद आफताब ने उसके शव को काटकर कई टुकड़े कर दिए और इन टुकड़ों को फ्रिज में रखकर वो अगले तीन सप्ताह तक उन्हें दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंकता रहा।