दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका पर सुनवाई को (2018 के एक ट्वीट से संबंधित एक मामले में) 14 जुलाई तक के लिए टाल दिया। जुबैर पर आरोप है कि उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत किया था।
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने पटियाला हाउस कोर्ट को सूचित किया कि एक ट्वीट के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए सीतापुर में यूपी पुलिस द्वारा दायर मामले से संबंधित एक अलग मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और सुनवाई लंबित है। जुबैर ने कुछ हिंदू संतों को ‘नफरत फैलाने वाले’ कहकर संबोधित किया था।
दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने 3 जुलाई को जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। सीतापुर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को जुबैर को पांच दिन की अंतरिम जमानत इस शर्त के साथ दी कि याचिकाकर्ता कोई ट्वीट पोस्ट नहीं करेगा और किसी भी सबूत, इलेक्ट्रॉनिक या अन्यथा बेंगलुरु में घर या कहीं और जाकर सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद जुबैर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमे कोर्ट ने यूपी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया था। उस ट्वीट में उन्होंने कथित तौर पर तीन हिंदू संतों को ‘घृणा फैलाने वाले’ कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जुबैर को पांच दिनों की अंतरिम जमानत दी थी, जिसे आज अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
एससी ने आदेश में कहा, “राज्य (उत्तर प्रदेश सरकार) ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा है। चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करना है और उसके बाद 2 सप्ताह के भीतर रिजाइंडर देना है। सीतापुर प्राथमिकी मामले में अंतरिम जमानत अगले आदेश तक जारी रहेगी। 7 सितंबर 2022 को मामले के निपटारे के लिए लिस्ट किया गया है।”