पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले भड़की हिंसा बुधवार (14 जून, 2023) को भी जारी है। कल सुबह दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में प्रखंड विकास अधिकारी के कार्यालय के सामने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान, कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और विस्फोटक फेंकने एवं तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं। इसके अलावा, पुलिस पर भी पथराव किया गया। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर हिंसा को लेकर आरोप लगा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उनके कई सदस्य घायल हुए हैं।
यह हिंसा उस वक्त हुई जब आईएसएफ उम्मीदवारों ने 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की मांग की। 9 जून को नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से पूरे पश्चिम बंगाल से हिंसा की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। नामांकन केंद्रों के परिसर के पास सोमवार से सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है। हालांकि, इसके बाद भी हिंसात्मक घटनाएं देखने को मिल रही हैं।
मंगलवार को बिजयगंज बाजार के पास भांगर ब्लॉक 2 के बीडीओ कार्यालय के सामने मेला मैदान में आईएसएफ और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। उस समय पुलिस भी वहां मौजूद थी और इन घटनाओं में पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
आईएसएफ के भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि टीएमसी सदस्यों ने नामांकन भरने से रोकने के लिए उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया। उन्होंने कहा, “कल से टीएमसी कार्यकर्ता हमें नामांकन दाखिल करने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं। आईएसएफ लोकतंत्र की भाषा में विश्वास करता है।”
भांगर के प्रभारी टीएमसी नेता और कैनिंग ईस्ट के विधायक सौकत मोल्लाह ने आरोप लगाया कि आईएसएफ ने एक सुनियोजित हमले का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि आईएसएफ का उद्देश्य टीएमसी की नबजोर यात्रा कार्यक्रम को बाधित करना था, जो मंगलवार को भांगर के ब्लॉक नंबर 1 से शुरू होने वाली थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस घटना के पीछे सिद्दीकी का हाथ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने घटना के संबंध में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है।