बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि 2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटाला का दशक रहा। यूपीए के वे दस साल में भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा। हर नागरिक असुरक्षित था। चारों तरफ ये सूचना रहती थी किसी अनजानी चीज को हाथ मत लगाना। 10 साल में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक देश हिंसा का शिकार था। 2010 में देश में राष्ट्रमंडल खेल हुए भारत की युवा सामर्थ्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने बहुत बड़ा अवसर था, लेकिन CWG घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया। सदी के दूसरे दशक में देश की चर्चा ब्लैकआउट के नाते हुई। पूरे विश्व में ब्लैकआउट के वे दिन चर्चा में आ गए
किसने अपनी मां का दूध पीया है, इसका फैसला लाल चौक पर होगा
बीती शताब्दी के उत्तरार्ध में मैंने भी तिरंगा यात्री निकाली थी। आतंकवादियों ने पोस्टर चिपकाया था और धमकी दी थी कि वे देखेंगे कि किसकी मां ने दूध पिलाया है जो आकर लाल चौक पर तिरंगा फहराएगा। 24 जनवरी को जम्मू में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं बिना बुलेटप्रूफ जैकेट और सुरक्षा के वहां आऊंगा। किसने अपनी मां का दूध पीया है, इसका फैसला लाल चौक पर होगा।
मध्यमवर्ग देश को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है
वोट बैंक की राजनीति ने देश के सामर्थों को देश को बहुत धक्का पहुंचाया है। जो देश में समय से होना चाहिए वो देर से हुआ। मध्यम वर्ग को पूरी तरह लंबे समय तक नकार दिया गया था। वो मानकर चला कि हमारा कोई नहीं अपने बलबूते ही चलो। लेकिन एनडीए सरकार ने मध्यम वर्ग की ईमानदार को पहचाना और उन्हें सुरक्षा प्रदान की है। आज हमारा परिश्रमी मध्यमवर्ग देश को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है। 2014 से पहले जीबी डेटा की कीमत 240 रुपये थी, आज सिर्फ 10 रुपया है। आज एक देश में एक नागरिक 20 जीबी का खर्च करता है, औसतन एक आदमी का 5000 रुपया बचता है। कुछ लोगों के जेब फटे होते हैं तो भी मोबाइल होता ही है।
गालियों के शस्त्र से कवच को भेद नहीं सकते
आपकी गालियां, आपको आरोपों को इन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना होगा। जिनको दशकों तक मुसीबतों में जिंदगी जीने के लिए तुमने मजबूर किया है। कुछ लोग अपने लिए, अपने परिवार के लिए बहुत कुछ तबाह करने के लिए लगे हैं। अपने लिए और अपने परिवार के लिए जी रहे हैं। मोदी तो 25 करोड़ देशवासियों का सदस्य है। 140 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद मेरा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। गालियों के शस्त्र से झूठ के शास्त्रार्थ तो इस सुरक्षा कवच को भेद नहीं सकते हैं।
‘देश के उज्जवल भविष्य के लिए मैंने अपनी उम्र खपा दी’
देश के उज्जवल भविष्य के लिए मैंने अपनी उम्र खपा दी है। देशवासियों का मोदी पर भरोसा है, यह बात इनकी समझ से बाहर है। वन नेशन वन राशन का देश भर में कहीं पर भी गरीब को राशन मिल जाता है तो वह आपकी झूठी बातों पर कैसे भरोसा करेगा। जिस किसान के खाते में साल में 3 बार पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ किसानों के खातों में पैसा जमा होता है, वह आपके झूठे आरोपों पर भरोसा कैसे करेगा। जो झुग्गी झोपड़ी में रहते थे उन तीन करोड़ लोगों को घर मिले हैं वे आप पर कैसे भरोसा करेगा।
9 साल आलोचना में नहीं आरोपों में गंवा दिए
लेकिन दुर्भाग्य से मैं बहुत दिनों से कोई तो मेहनत करके आएगा, लेकिन 9 साल आलोचना में नहीं आरोपों में गंवा दिए। गाली गलौच देते रहे। चुनाव हार जाओ चुनाव आयोग को गाली दे दो। कोर्ट का फैसला पक्ष में नहीं आए कोर्ट को गाली दे दो। अगर भ्रष्टाचार की जांच की हो रही है तो जांच एजेंसियों को गाली दो। अगर सेना पराक्रम करे, सेना अपना शौर्य दिखाए तो सेना को भी गाली दो। कभी आर्थिक प्रगति की खबरें आएं तो विश्व के सारे संस्थान गौरव गान करे तो आरबीआई को गाली दो।
2030 का दशक इंडिया का दशक होगा
इस बात को हिंदुस्तान हर पल याद रखेगा कि जो 2014 के पहले जो दशक था वो लॉस्ट देशक के लिए रूप में याद रखा जाएगा। 2030 का दशक इंडिया का दशक होगा। आलोचना लोकतंत्र की मजबूती के लिए है। लोकतंत्र के समर्थन के लिए है। लोकतंत्र की स्पिरिट के लिए है। आलोचना एक शुद्धि यज्ञ है।
कांग्रेस की बर्बादी पर अध्ययन होना ही होना है-पीएम
सदन में भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एजेंसियों को बहुत कुछ कहा गया। विपक्ष के लोग इस विषय में सुर में सुर मिला रहे थे। मुझे लगता था कि देश की जनता देश के चुनाव के नतीजे ऐसे लोगों को जरूर एक मंच पर लाएगी लेकिन वो तो हुआ नहीं। लेकिन इन लोगों को ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि ईडी के कारण एक मंच पर आए हैं। कुछ लोगों को यहां हार्वर्ड स्टडी का बड़ा जोर है। कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी हार्वर्ड में स्टडी होगी। बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक बड़ी रोचक स्टडी हुई है। द राइज एंड डिक्लाइन इंडियाज कांग्रेस पार्टी। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर बड़े-बड़े विश्वविद्यालय में अध्ययन होना ही होना है।
विपक्षी सदस्यों का हंगामा
पीएम मोदी के जवाब पर विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी की। विपक्ष के शोर-शराबे के बीच पीएम मोदी अपनी बात रख रहे हैं।
यूपीए के 10 सालों पर उठाए सवाल
2014 से पहले भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल होती थी। यूपीए के 10 साल में महंगाई डबल डिजिट में रही। जिन्होंने बेरोजगारी दूर करने के वादे किए थे। बेरोजगारी दूर करने के लिए इन्होंने कानून बना दिए। यूपीए के 10 साल में कश्मीर से कन्याकुमारी भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चल रहा था। हर नागरिक असुरक्षित था। कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्व तक हिंसा ही हिंसा थी। इनकी निराशा का कारण यह भी है कि जब देश की क्षमता का परिचय हो रहा है। इन्होंने 10 सालों तक मौके को मुसीबत में बदल लिया। सूचना क्रांति हो रही थी तो ये 2जी में फंसे रहे। सिविल न्यूक्लियर डील के समय के वोट फॉर कैश में फंसे रहे। 2010 में कॉमनवेल्थ के समय हुए भ्रष्टाचार से दुनिया में भारत की बदनामी हुई।
स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरा देश
एक समय था जब भारत को छोटी-छोटी तकनीक के लिए तरसता था लेकिन आज हम तकनीक एवं नवाचार में नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। भारत का डिजिटल इंफ्रा तेजी से आगे बढ़ रहा है। डिजिटल इंडिया की चारो तरफ वाहवाही हो रही है। निराश लोगों को भारत की उपलब्धि नहीं दिखती। आज भारत स्टार्टअप के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। कोरोना कॉल के बाद देश में 108 यूनिकॉर्न बने।
‘जी-20 की अध्यक्षता से कुछ लोग दुखी’
140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य चुनौतियों से भी बड़ा है। आज देश आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। चुनौतियों के बीच भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। दुनिया को भारतीय अर्थव्यवस्था से एक भरोसा है। आज दुनिया के देश भारत को अवसर के रूप में देख रहे हैं। यह गर्व की बात है। लेकिन मैं अब देख रहा हूं कि जी-20 की अध्यक्षता से कुछ लोगों को दुख हो रहा है।
राहुल गांधी पर कसा तंज
कांग्रेस सांसद राहुल पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री कहा कि पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था। कुछ लोग तो कह रहे थे कि ये हुई न बात। कुछ लोगों को नींद भी नहीं आई। कुछ तो अभी तक सो रहे होंगे। ये कह कहकर हम दिल को बहला रहे हैं। वो अब चल चुके हैं। वो अब आ रहे हैं।
किसका क्या इरादा चर्चा से पता चलता है-पीएम
आदिवासी समाज पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इस समुदाय का सम्मान बढ़ा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में सकल्प से सिद्धि की यात्रा का स्पष्ट खांका खींचा गया है। लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि किसका क्या इरादा है संसद में चर्चा के दौरान इसका पता चलता है। सब लोगों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर रुचि, प्रकृति और प्रवृति के अनुसार अपनी बातें रखी। इन बातों को गौर से सुनते हैं समझने का प्रयास करते हैं तो ये भी ध्यान में आता है कि किसकी क्षमता है, किसकी कितनी योग्यता है। किसकी किनती समझ है और किसका क्या इरादा है।