दिल्ली में 5 नवंबर से सभी प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने ऐलान किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पांचवी कक्षा से ऊपर की सभी आउटडोर गतिविधियां भी बंद रहेंगी। दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए ऑड ईवन लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि बच्चों को कोई तकलीफ हो।
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पराली के मसले पर कहा कि हमारी सरकार को आए हुए अभी बहुत कम दिन हुए हैं। हम इस समस्या से भागते नहीं हैं। अगले 3 साल में पराली का हल मुमकिन है।
पॉल्यूशन की वजह से आउटडोर गतिविधियों पर रोक
वहीं नौंवी क्लास से 12वीं क्लास की तक के स्कूलों को भी ये कहा गया है कि जहां तक हो सकते उन्हें भी ऑनलाइन क्लास चलाएं स्कूलों में छात्रों को न बुलाया जाए। इस दौरान सभी तरह की आउटडोर गतिविधियों पर भी रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। एयर पॉल्यूशन की वजह से दिल्ली में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाले ट्रकों के अलावा अन्य ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। हालांकि इसमें आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले ट्रकों को छट दी गई है।
NHRC ने चीफ सेक्रेटरी को किया तलब
NHRC ने जारी किया नोटिस: उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है। साथ ही प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदम को नाकाफी बताया है। NHRC ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली की चीफ सेक्रेटरी को 10 नवंबर को तलब किया है।
नोएडा में ऑनलाइन का आदेश लेकिन खुले रहे स्कूल
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और एयर पॉल्यूशन की वजह से घटती विजीबिलिटी को देखते हुए नोएडा, ग्रेटर नोएडा जिला प्रशासन ने कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को 8 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के आदेश जारी किये थे। हालांकि इसके बावजूद भी कई स्कूल खुले रहे।
बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को मॉस्क लगाने की सलाह
दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण की वजह से डॉक्टरों ने लोगों को मॉस्क पहनने की सलाह दी है। दिल्ली के अस्पतालों में सांस से संबंधित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। राजधानी और आसपास के इलाको में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ बनी हुई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और केंद्र व राज्य सरकारें वर्क फ्रॉम होम की इजाजत पर फैसला ले सकती हैं।