आम बजट 2023 (Budget 2023) से पहले महंगाई के मोर्चे पर केंद्र सरकार (Union Government) के लिए राहत भरी खबर आई है। दरअसल थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index) में गिरावट आई है। दिसंबर 2022 में थोक महंगाई दर 4.95 फीसदी रही। थोक महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं और कच्चे पेट्रोलियम की कीमतों में गिरावट है।
WPI नवंबर 2022 में 5.85 प्रतिशत था
बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 5.85 प्रतिशत और दिसंबर 2021 में 14.27 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (commerce and industry ministry) ने एक बयान में कहा कि खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति (-)1.25 प्रतिशत थी, जबकि ईंधन और बिजली में यह दिसंबर 2022 के दौरान 18.09 प्रतिशत थी। निर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 3.37 प्रतिशत थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा, “दिसंबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण हुआ है।”
सब्जियों की कीमतों में 36 प्रतिशत की गिरावट
दिसंबर में खाद्य सूचकांक में 0.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि सब्जियों की कीमतों में साल-दर-साल लगभग 36 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह नवंबर की तुलना में बहुत कम है जब खाद्य सूचकांक 2.10 प्रतिशत बढ़ा था। इस बीच विनिर्मित उत्पादों पर मुद्रास्फीति पिछले महीने के 10.71 प्रतिशत से घटकर दिसंबर में 3.37 प्रतिशत पर आ गई।
दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में गिरावट
बता दें कि इससे पहले दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गयी थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर में नवंबर के मुकाबले कमी आयी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 5.72 प्रतिशत रही है जो नवंबर में 5.88 प्रतिशत थी। वहीं दिसंबर महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 4.19 फीसदी पर आ गई है। यह नवंबर 2022 में 4.67 फीसदी रही थी।जबकि अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर 7.01 फीसदी थी।