दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आप जाने का सोच रहे हैं, या आपकी कोई फ्लाइट है तो आपको अपने समय से काफी पहले निकलना होगा, क्योंकि दिल्ली एयरपोर्ट पर इस दौरान यात्रियों की भारी भीड़ है। दरअसल जर्मनी की पायलट यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर दो सितंबर को हड़ताल का एलान किया है। इसके चलते लुफ्थांसा एयर लाइन की 800 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। दिल्ली में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिला। यहां IGI एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में यात्री परेशान नजर आए।
1.5 लाख यात्रियों पर पड़ा असर
जर्मनी में पायलटों की हड़ताल का असर सीधे राजधानी दिल्ली में देखने मिला। लुफ्तांसा एयरलाइंस ने 800 फ्लाइट्स को रद्द कर दिया है। ऐसे में बड़ी संख्या में यात्रियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने के कारण करीब 1.30 लाख यात्रियों पर असर पड़ सकता है।
दिल्ली में उड़ाने रद्दा होने पर मचा हंगामा
उड़ाने रद्द होने का असर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देखने को मिला। यहां बड़ी संख्या में पहुंचे यात्रियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
आईजीआई एयरपोर्ट के डीसीपी के मुताबिक, बीती रात करीब 12 बजे 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ एयरपोर्ट के डिपार्चर गेट नं. 1 व टर्मिनल नंबर 3 के सामने जमा हो गई। ये लोग लुफ्थांसा की फ्रेंकफर्ट और म्युनिख की उड़ानें निरस्त होने के कारण परेशान थे। ये सभी यात्री पैसा रिफंड करने या वैकल्पिक उड़ान की मांग कर रहे थे।
दूसरे यात्रियों की बढ़ी मुश्किल
एक तरफ जर्मनी के पायलटों की हड़ताल के जरिए वहां की उड़ाने रद्द हो गई, जिससे बड़ी संख्या में इस रूट पर यात्रा करने वाले यात्री परेशान नजर आए, तो वहीं दूसरी तरफ आईजीआई एयरपोर्ट पर ऐसे यात्रियों की भारी भीड़ के चलते दूसरे यात्रियों की भी मुश्किलें बढ़ गईं।
अन्य यात्रियों को भी आवाजाही में दिक्कत होने लगी। इसके बाद आईजीआई के स्टाफ व सीआईएसएफ के जवानों ने स्थिति संभाली और भीड़ को दूर किया। डीसीपी ने कहा कि जर्मन एयरलाइंस के यात्रियों के लिए वैकल्पिक उड़ान के प्रबंध किए जा रहे हैं।
पायलटों के लिए सैलरी है बड़ा मुद्दा
पायलटों की हड़ताल में जो सबसे बड़ा मुद्दा है वो है वेतन। एयरलाइंस के पायलट कई महीनों से सैलरी में इजाफे की मांग कर रहे हैं।
लुफ्थांसा कंपनी ने 18 महीने की अवधि में दो चरणों में प्रति माह मूल वेतन में कुल 900 यूरो ($901.35) से ज्यादा की वृद्धि की पेशकश की थी। यही नहीं इसके साथ ही कॉकपिट कर्मचारियों को न्यूनतम बेड़े के आकार की गारंटी देने का ऑफर दिया था।