दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट (Shiv Sena) की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग के शिवसेना पार्टी के नाम और धनुष और तीर के प्रतीक को फ्रीज करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि, अदालत ने भारत के चुनाव आयोग (ECI) को चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम के आवंटन से संबंधित कार्यवाही को जल्द से जल्द तय करने का निर्देश दिया।
महाराष्ट्र में शिवसेना के दो टुकड़ों में बंट जाने के बाद भी अभी सियासी घमासान थमा नहीं है दो धड़ों में बंटी शिवसेना पुरानी शिवसेना के चुनाव चिन्ह तीर-कमान को लेकर आमने-सामने हैं। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुना दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अब ये चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक फ्रीज रहेगा। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में उपचुनाव और निकाय चुनावों को देखते हुए पार्टी के दोनों धड़ों को अस्थायी रूप से नया नाम और चुनाव चिन्ह जारी किया था।
बांबे हाईकोर्ट ने कहा चुनाव आयोग (EC) के फैसले का इंतजार क्यों नहीं?
वहीं इसके पहले इस मामले पर शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव ठाकरे गुट ने तीर-कमान वाले चुनाव निशान पर अपना दावा ठोकते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर रखी थी। हालांकि इस याचिका पर सोमवार (14 नवंबर) को भी सुनवाई हुई थी लेकिन इस दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि इस मामले में उसे चुनाव आयोग (Election Commission) के अंतिम निर्णय का इंतजार क्यों नहीं करना चाहिए?
इसके पहले सोमवार को चुनाव आयोग (Election Commission) के अंतरिम आदेश (Interim Order) जिसमें ये कहा गया था कि शिवसेना (Shiv Sena) के नाम और चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया जाए, को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे गुट से पूछा कि पोल पैनल के अंतिम फैसले का इंतजार क्यों नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले को चुनाव आयोग ने उपचुनाव के उद्देश्य से दिया था वो अंतिम फैसला नहीं था ऐसे में अंतरिम आदेश का कोई मतलब नहीं रह जाता है ऐसी स्थिति में कोर्ट को चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार करना चाहिए।