भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच शुक्रवार (29 जुलाई, 2022) को भिड़ंत हो गई। इस दौरान, जिला पंचायत कार्यालय के बाहर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और बीजेपी विधायक विश्वास सारंग के बीच हाथापाई भी हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि नगरीय निकाय चुनाव में प्रशासन और पुलिस बीजेपी के दबाव में काम कर रहे थे।
कांग्रेस का यह भी आरोप है कि नौ वोट फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र के साथ डाले गए थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान पुलिस और प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहे थे। बता दें कि भोपाल समेत कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव चल रहा है, जो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए साख का सवाल बन गया है।
भोपाल में जिला पंचायत कार्यालय के बाहर बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर एकत्र होकर हंगामा कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी वोट डालने के लिए लोगों से भरी सरकारी कारें ला रही है।
उन्होंने कहा, “कोई भी व्यक्ति जो अशिक्षित है या अपना वोट डालने के योग्य नहीं है, वह परिवार के किसी अन्य सदस्य से ऐसा करवा सकता है। लेकिन यहां फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ नौ वोट पड़े। वे वोट डालने वाले लोगों से भरी सरकारी कारें ला रहे हैं। यह चुनाव नियमों का उल्लंघन है।”
भाजपा के मंत्री भूपेंद्र सिंह जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे, जहां कांग्रेसियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और उनके वाहन को पंचायत भवन परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और विधायक कारी मसूद ने भूपेंद्र सिंह की कार को पंचायत भवन के अंदर नहीं जाने दिया। कार के आगे पूर्व सीएम और विधायक मसूद खड़े थे।
इस पर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह मेरी निजी कार है। मैं एक मंत्री हूं और मेरे पास वह सुरक्षा है जो एक मंत्री को दी जाती है। जिला पंचायत कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।