अग्निपथ स्कीम को लेकर देश भर में हो रही हिंसा के बीच पीएम मोदी का एक बयान सामने आया है। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर स्कीम और इसे लेकर हो रही हिंसा व विरोध का जिक्र नहीं किया है। लेकिन बेंगलुरु में एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि कुछ फैसले पहली नजर में खराब लगते हैं लेकिन बाद में ये ही देश को बेहतर बनाने की दिशा में बेहद कारगर साबित होते हैं।
अग्निपथ के विरोध में देश भर में विरोध और हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती को लेकर अग्निपथ का ऐलान किया था। लेकिन घोषणा के बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया है। कई प्रदेशों में युवा सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, समेत देश के कई राज्यों में प्रदर्शन खासे हिंसक भी रहे हैं। योजना के विरोध के बीच अब कई संगठनों ने आज 20 जून को भारत बंद का ऐलान किया है। इस दौरान कई जगहों पर रेल सेवा रोकी गई तो कई जगहों पर सड़कों पर लंबा जाम देखने को मिला।
उधर, सरकार की तरफ से तमाम सियासी लोगों के साथ सेना भी स्कीम के बचाव में उतर गई है। सेना का कहना है कि ये स्कीम वापस नहीं होगी। उधऱ आज सेना ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के तहत सैनिकों को शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी की। सेना ने कहा कि नए मॉडल के तहत नौकरी के इच्छुक सभी उम्मीदवारों के लिए सेना की भर्ती वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है जो जुलाई से शुरू होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि चिकित्सा काडर को छोड़कर भारतीय सेना के नियमित काडर में सैनिकों की भर्ती केवल उन कर्मियों के लिए उपलब्ध होगी, जिन्होंने अग्निवीर के रूप में अपनी सेवा की अवधि पूरी कर ली है। सेना ने कहा कि उनके चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अग्निवीरों को फिर से चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा। अग्निवीर को साल में 30 दिनों का अवकाश मिलेगा। इनके मासिक वेतन का 30 प्रतिशत अनिवार्य रूप से एक कोष में जमा किया जाएगा और उतनी ही राशि का योगदान सरकार करेगी।
बीती 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है। इसके तहत 25 फीसदी को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है। हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी थी पर योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।