इंदौर. रामनवमी पर इंदौर में हुए हादसे में अब तक कुल 35 लोगों की मौत हो चुकी है। बावड़ी की छत धंसने से नीचे जा गिरे लोगों में से देर रात 16 और शव निकाले गए। लोगों को बचाने का काम अभी भी चल रहा हैै हालांकि अब यहां किसी के भी जिंदा होने की संभावना बहुत कम है। बचाव कार्य अब मुख्यतः सेना के हवाले कर दिया गया है। शहर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हवन पूजन का आयोजन किया गया था तभी मंदिर में बनी अंडरग्राउंड बावड़ी की छत धंस गई थी जिससे करीब 100 लोेग पानी में जा गिरे। गौरतलब है कि यहां 40 साल पहले भी एक हादसे में कुछ बच्चे डूब गए थे।
20 मिनट बाद मदद, 2 घंटे बाद निकाला पानी तब तक कई मौतें
हादसे में हताहतों की संख्या बहुत ज्यादा हो सकती थी लेकिन कई लोग तैरना जानते थे इसलिए उनकी जान बच गई। निजी अस्पताल में भर्ती पंडित लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि वे पूजा करने गए थे। बावड़ी की स्लैब पर हवन हो रहा था तभी स्लैब ढही।
सभी बावड़ी में गिर पड़े। बावड़ी 20 साल से बंद थी। पानी गंदा था। तैरना आता था इसलिए बच गया। पटेल नगर के घायल भावेश पटेल ने बताया, हवन में आहूति दी तभी स्लैब गिरी। मैं तैरकर कोने में पहुंचा। सभी एक.दूसरे का हाथ पकड़कर बचने का प्रयास कर रहे थे। 20 मिनट बाद मदद मिली। इधर पानी निकालने का काम 2 घंटे बाद शुरू किया गया तब तक कई लोगों की मौत हो चुकी थी।
बावड़ी में 100 लोग गिरे
पटेल नगर के व्यापारी महेश ने बताया कि बावड़ी में करीब 100 लोग गिरे। मैं भी गिरा और दो से तीन बच्चे मेरे सामने ही डूब गए। मुझे तैरना नहीं आता लेकिन भगवान ने बचाया। पाइप जाली पकड़कर खुद को बचाए रखा। मेरे सामने कई लोग डूब गए। 45 मिनट बाद रेस्क्यु कर हमें निकाला गया। घायल ललित कुमार सेठिया ने बताया कि मुझे तो भगवान ने बचाया। किसी ने ऊपर से रस्सी फेंकी थी उसे पकड़कर 1 घंटा खुद को बचाए रखा। कुछ लोग कुएं में बनी सीढिय़ों पर बैठे थे। लोग चीख रहे थे।
हादसे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सीएम शिवराजसिंह चैहान से बात की। राज्य सरकार ने मारे गए लोगों के परिजनों को 11 लाख रूपए की मदद की घोषणा की। इंदौर नगर निगम ने 30 जनवरी को नोटिस देकर बावड़ी का अवैध निर्माण हटाने को कहा था लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की और आखिरकार हादसा हो गया। इंदौर संभाग कमिश्नर पवन शर्मा ने बताया कि इस हादसे में अब तक 35 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।