महाराष्ट्र में चल रहे संकट के बीच सीएम उद्धव ने बागियों पर कड़ा एक्शन लिया है। 9 बागी मंत्रियों के मंत्रालय छीने लिए गए हैं। सुभाष देसाई को एकनाथ शिंदे के विभाग का प्रभार दिया गया है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि मंत्रियों के न होने से सरकार व प्रशासन का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसी वजह से हाल फिलहाल में ये फेरबदल किया गया है।
हालांकि, उद्धव गुट यह दिखाने की कोशिश में है कि असली बॉस वही है। लेकिन दूसरी तरफ शिंदे गुट मजबूत होता जा रहा है। एकनाथ शिंदे का कहना है कि महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है। शिवसेना विधायक दल के 39 सदस्यों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। लिहाजा उद्धव सरकार का कोई मतलब नहीं है।
उधर ठाकरे सरकार और शिवसेना के खिलाफ चल रही लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर जा पहुंची है। आज सुनवाई के दौरान बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर की भूमिका पर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि डिप्टी स्पीकर को हटाने की अर्जी अभी लंबित है, इसलिए उस पर फैसला होने से पहले वे विधायकों को अयोग्य नहीं ठहरा सकते। सरकार की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बागी विधायकों को पहले संबंधित हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था।
सिंघवी ने कहा कि जान के खतरे की बातें बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि 1992 के एक फैसले में कहा गया था कि जब तक स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तब तक कोर्ट में कोई एक्शन नहीं होना चाहिए। पुराने केस का जिक्र कर सिंघवी ने दलील दी कि कि चाहे स्पीकर गलत फैसला ले, लेकिन उसके फैसले के बाद ही कोर्ट दखल दे सकता है। उससे पहले ये गलत होगा।
शिंदे के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि हाईकोर्ट क्यों नहीं गए, सुप्रीम कोर्ट क्यों आए? शिंदे के वकील ने जवाब में कहा- मामला गंभीर है इसलिए सुप्रीम कोर्ट आए। कोर्ट ने पूछा कि डिप्टी स्पीकर के सामने बात क्यों नहीं रख रहे? शिंदे के वकील ने कहा- घरों और दफ्तर पर हमले हो रहे हैं। विधायकों को धमकियां मिल रही हैं। शिंदे गुट का दावा है कि फिलहाल उनके पास शिवसेना के 39 विधायकों का समर्थन है।
ध्यान रहे कि महाराष्ट्र में सड़कों पर भी शिवसैनिकों और शिंदे समर्थकों की जंग देखने को मिल रही है। ठाणे में आज बड़ी संख्या में शिंदे समर्थक सड़क पर उतरे और शिवसेना से बागी हुए नेताओं में समर्थन में प्रदर्शन किया। दूसरी तरफ बैठकों का दौर धड़ल्ले से चल रहा है। दोपहर में एकनाथ शिंदे बागी विधायकों संग बैठक करेंगे तो दूसरी तरफ बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस आज फिर दिल्ली जाकर अमित शाह से मिलेंगे।