यूपी में बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद ने भगवान राम पर ऐसा बयान दिया है, जिस पर सियासी गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है।
डॉ संजय निषाद ने कहा कि भगवान राम राजा दशरथ के बेटे नहीं थे, उनका जन्म निषाद परिवार में हुआ था। साथ ही उन्होंने BJP से निषादों को आरक्षण देने की मांग भी की।
कांग्रेस नेता अंशू अवस्थी ने इस बयान को लेकर निषाद पर निशाना साधा है। अंशू ने कहा कि ये तो सिर्फ बीजेपी के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं। ये अब राम पर बोल रहे हैं लेकिन तब चुप थे जब भाजपा ने इलाहाबाद में निषाद लोगों की नाव को ध्वस्त कर दिया था। वह सिर्फ भाजपा के एजेंडे का प्रचार कर रहे हैं और अपने समुदाय और उत्तर प्रदेश के लोगों के वास्तविक मुद्दों से दूर भाग रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भगवान राम पर केवल सनातन हिंदू धर्म के संतों को ही बोलने का अधिकार है।
इस मुद्दे पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि डीएनए के विशेषज्ञ और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को निषाद पार्टी प्रमुख के इस बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के प्रमुख नेताओं को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए।
बता दें कि भाजपा ने सितंबर में औपचारिक रूप से घोषणा की थी कि वह 2022 का यूपी चुनाव निषाद पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगी। हालांकि अभी सीट बंटवारे पर कोई समझौते की खबर नहीं आई है।
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में, निषाद पार्टी ने यूपी में 72 विधानसभा सीटों पर 5.40 लाख से अधिक वोट हासिल किए थे।
बता दें कि रविवार को डॉ संजय निषाद ने ये भी कहा था कि निषाद समाज के लोग बीजेपी को तब तक वोट नहीं देंगे जब तक आरक्षण पर स्थिति साफ नहीं हो जाती। ये बीजेपी की जिम्मेदारी है कि वह अपने वादे पर खरी उतरे।
उन्होंने ये भी कहा था कि अगर बीजेपी ने वादा पूरा नहीं किया तो गठबंधन खतरे में पड़ सकता है। गौरतलब है कि सुभासपा के चीफ ओपी राजभर पहले ही बीजेपी को झटका दे चुके हैं, ऐसे में संजय निषाद ने भी अगर ऐसा ही किया तो अगला चुनाव बीजेपी को भारी पड़ सकता है।