आर्मी में भर्ती के लिए लाई गई “अग्निपथ योजना” को लेकर देशभर में चल रहे प्रदर्शनों के बीच भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि भीड़ ने उनके आवास को जलाने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि उनके घर को जलाने की पूरी साजिश थी क्योंकि भीड़ के पास सिलेंडर बम मिला है। वहीं, जेडीयू ने मोदी सरकार से यह स्कीम वापस लेने की अपील की है।
उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह की कार्रवाई होनी चाहिए थी वैसी कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और जिस तरह की भीड़ मेरे घर पर आई थी, वो कहीं से भी आर्मी में जाने वाले जवानों की नहीं थी।
उन्होंने कहा कि भीड़ में जो लोग शामिल थे उन सबकी तस्वीरें हैं। मैंने उन सभी लोगों को पहचान भी कर चुका हूं। मुझे पता है कि आईआईटी के उस पार के मोहल्ले और मेरे घर के पीछे के मोहल्ले के कितने लोग थे। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रशासन उन पर कार्रवाई करेगा।
जेडीयू ने की स्कीम वापस लेने की मांग
वहीं, जेडीयू ने मोदी सरकार से अग्निपथ स्कीम वापस लेने की अपील की है। जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने राज्य में हो रही हिंसात्मक घटनाओं का विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ बिहार तक ही यह विरोध सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और अब उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी यह आग लग चुकी है क्योंकि इन राज्यों में सेना में अधिकतम भर्ती का पुराना इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी थी कि सरकार बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक महत्वकांशी योजना लेकर आई है, लेकिन जिनके लिए योजना आई वही लोग सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, जरूर सरकार के क्रियान्वयन में चूक हुई है। लिहाजा जनता दल यूनाईटेड ने मांग की कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और आंदोलनकारी छात्रों से बात की जानी चाहिए।”