रांची 14 सितम्बर 2022
सुदेश महतो को 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है वे इस मुद्दे पर झारखंडी जनता का विश्वास खो चुके है.
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक विजय शंकर नायक ने उनके दिए गए ब्यान पर अपनी प्रतिक्रिया मे आज कहीं. इन्होंने आगे कहा कि सुदेश महतो जी झारखंडी जनता को भरमाने का काम कर रहे हैं और वह यह दिखलाना चाहते हैं कि वह 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति एवं स्थानीय नीति के समर्थक हैं. श्री नायक ने आगे कहा कि झारखंडी जनता सब कुछ समझ रही है और देख चुकी है की मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल मे बने स्थानीय नीति 1985 करने पर आजसू पार्टी एवं सुदेश महतो ने इसका कितना विरोध किया था यह जनता सब जानती है सुदेश महतो जब से राज्य अलग हुआ है भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के साथ सिर्फ सत्ता के मलाई खाने में व्यस्त हैं. इन्होंने कभी भी झारखंडी जनता के देखे गए सपनों एवं उनके भावनाओं को कभी भी सम्मान देने का काम नहीं किया ये सिर्फ येन केन प्रक्रेन अपनी सत्ता की दलाली करने में व्यस्त हैं और सत्ता की मलाई चाटने में मशगूल है. इन्होंने यह भी कहा कि आपकी पार्टी आजसू और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने झारखंड की जनता को लगातार 15 वर्षों तक ठगने का काम किया है और अब चूँकि झारखंड की जनता अब जाग चुकी है और संघर्ष कर रहीं है तो यह जनता के बीच में 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति के बारे में बयान देकर जनता को भरमाने का काम कर रहे हैं ताकि आने वाले 2024 के चुनाव में वे जनता को पुन: ठग कर भारतीय जनता पार्टी की गोद में बैठने का काम कर सके और सत्ता की मलाई खा सकें.
श्री नायक ने साफ शब्दों मे कहा कि इनका राज्य निर्माण के बाद शुरू से ही यही मकसद रहा कि ज्यादा से ज्यादा विधायक बनाओ और ज्यादा से ज्यादा सत्ता की मलाई चाटने का काम करो इन्होंने कभी भी स्थानीय नियोजन नीति स्थानीय नीति पांचवी अनुसूची पेशा कानून सीएनटी एसपीटी कानून को कभी भी अपना मुद्दा नहीं बनाया और यह सब जनता समझ चुकी है जिस कारण उन्हें भी सिल्ली की जनता ने हराने का काम कर उन्हें होश मे लाने का काम किए थे मगर अभी भी वह नहीं चेत रहे है अगर इनका यही रवैया रहा तो आजसू का सूपड़ा साफ हो जाएगा झारखंड से खाता भी नहीं खुलेगा.
श्री नायक ने यह भी कहा कि झारखंड की सरकार भी यह समझ चुकी है कि अब बिना 1932 के खतियान का आधार लाए बिना स्थानीय एवं नियोजन नीति नहीं लागू करते हैं तो हमें सत्ता से बाहर झारखंड की जनता करने का काम करेगी इसलिए हेमंत सोरेन सरकार भी आज मजबूर है कि अगर हम खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति नहीं लागू करते हैं तो 2024 के चुनाव में हमें भी सत्ता से बाहर फेंकने का कार्य करेगी झारखंडी जनता इसलिए वह भी कभी हाँ तो कभी ना कर रहीं है. इन्होंने हेमंत सोरेन सरकार से मांग किया कि पहले वह झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा बनाए गए स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति को अविलंब रद्द करें और इसकी अधिसूचना जारी करें और तत्काल रुप से खतियान आधारिता स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति को लागू करने की दिशा में आगे बढ़े नहीं तो झारखंड की जनता इस बार इस सरकार को भी रघुवर दास की सरकार की तरह सत्ता से हटाने का काम करेगी.
भवदीय
विजय शंकर नायक
केंद्रीय अध्यक्ष
झारखंडी सूचना अधिकार मंच
केंद्रीय संयोजक
झारखंड बचाओ मोर्चा