बीसीसीएल के सीएमडी सिमरन दत्ता ने आज कहा कि वित्तीय वर्ष 21-22 के लिए कोयला उत्पादन के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उससे कंपनी आगे बढ़ गई है. लक्ष्य 30 मिलियन टन कोयले के उत्पादन का था जबकि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्ति के दिन कंपनी ने 30.5 मिलियन टन उत्पादन का आंकड़ा छू लिया है. सीएमडी ने कहा कि सबसे अधिक उत्पादन करने में कंपनी को अधिकारियों ,मजदूरों यूनियन नेताओं का सहयोग मिला, तभी यह संभव हो पाया. उन्होंने साफ किया कि बीसीसीएल लक्ष्य हासिल नहीं करती तो कंपनी को बचाना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. सीएमडी आज कोयला भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. प्रेस वार्ता में पत्रकारो के कई सवालों का ज़बाब बीसीसीएल सीएमडी के अलावा डीटी संजय कुमार सिंह ,डीपी पीबीकेएम राव और सीवीओ कुमार अनिमेष ने दिया ।
सीएमडी ने कहा कि बीसीसीएल सीएमडी समीरण दत्ता ने यह भी बताया कि बीसीसीएल सिर्फ कोयला उत्पादन पर ही ध्यान नहीं दे रही है बल्कि धनबाद के पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष फोकस कर रही है. धनबाद के सेंट्रल हॉस्पिटल में जल्द ही नई मशीन एवं नई तकनीक की सुविधा बहाल कर दी जाएगी, वह खुद सेंट्रल हॉस्पिटल का दौरा करेंगे. सीएमडी ने कहा कि सामुदायिक विकास के तहत जगजीवन नगर में बच्चियों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कंपनी की ओर से की जाएगी.
कोयला चोरी रोकने के लिए फुलप्रूफ योजना
बीसीसीएल सीएमडी ने बताया कि कोयला के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए उन लोगों ने एक फूलप्रूफ योजना बनाई है जिसके तहत बीसीसीएल विपर मशीन की खरीदारी करने जा रही है जहां छोटे-छोटे जगह पर भी बंद खदानों के पास इसका इस्तेमाल कर कोल उत्पादन किया जा सकेगा ..इसके लिए रीपर मशीन के साथ शावेल और बकेट का इस्तेमाल होगा जिसे आसानी से कोयला निकाला जा सकेगा और इस तकनीक में ब्लास्टिंग की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.. जिस एरिया में अभी कोयला चोरी हो रही है वह कोयला राष्ट्र के काम आ जाएगी और अवैध उत्खनन पर भी लगाम लगाना आसान हो जाएगा