धनबाद। सार्जेंट मेजर अरुण किशन की लापरवाही ने एक महिला पुलिस का तीन माह का गर्भपात हो गया। डॉक्टरों ने उन्हें भागदौड़ वाली काम से बचने की सलाह दी, मगर सार्जेंट मेजर ने उनकी बात नहीं सुनी। पीड़िता ने कहा की महिला ने कहा कि थाना में उसे आराम नहीं मिलने के कारण वह पुलिस लाइन भी आना चाहती थी पर उसे आने नहीं दिया गया। पीड़िता ने एसएसपी को शिकायत कर बताया की गर्भपात होने से उन्हें और उसका सदमे में हैं।
पीड़िता ने कहा मेजर के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की करेंगी मांग
पीड़ित महिला सुनीता कुमारी ने बताया की लापरवाही के लिए मेजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। बताया कि वे एसएसपी को लिखित शिकायत की है। पीड़िता ने आवेदन में यह भी लिखा है कि सार्जेंट मेजर अरुण किशन के सामने वह अपनी परेशानी को लेकर गुहार लगाती रही, पर उन्होंने उसकी एक नहीं सुनी गई। जिसके कारन उसका गर्भपात हो गया।
पूर्णिया बिहार में है ससुराल, कतरास में है माइका
सुनीता ने बताया कि बिहार के पूर्णिया जिले में उसकी ससुराल है और मायका कतरास में है। अपने घरवालों के इतने करीब होकर भी वह अपने बच्चे को बचा नहीं सकी। बताया कि इससे पहले भी उसे एक बच्चा है, लेकिन करीब आठ-नौ साल के बाद दूसरी बार गर्भ ठहरा था। इसके लिए काफी मन्नतें मांगी थीं, लेकिन सार्जेंट मेजर की वजह से सब बर्बाद हो गया। कहा कि गर्भपात के बाद उसकी अपने पति से अबतक मुलाकात नहीं हुई है।
ग्रामीण एसपी की भी आदेश नहीं मने सार्जेंट
पीड़िता ने बताया की वर्तमान में वह महिला एवं बाल संरक्षण थाना बाघमारा में पदस्थापित है। उसकी कोख में तीन माह का गर्भ पल रहा था। चिकित्सक ने जांच के बाद उसे भागदौड़ की ड्यूटी करने से मना किया था। इस बात की जानकारी उसने बाघमारा थाना प्रभारी को भी दी थी, पर उसे ड्यूटी में उसे हमेशा निकलना पड़ता था।
समस्या का समाधान नहीं होने पर वह ग्रामीण एसपी से मिली। उन्होंने उसकी समस्या को देखते हुए उसे तत्काल पुलिस लाइन भेजने का आदेश जारी किया। ग्रामीण एसपी के आदेशित आवेदन को लेकर वह प्रचारी प्रवर अरुण किशन से बार-बार अनुरोध करती रही, लेकिन एसपी के आदेशित पत्र की कॉपी दिखाने के बावजूद वह नहीं माने।