बिहार में दिनदहाड़े 60 फीट लंबा लोहे का पुल चोरी

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बिहार के सासाराम जिले के नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र में अमियावर स्थित आरा मुख्य नहर पर बना लोहे का पुल गायब हो गया है। 60 फीट लंबा, 10 फीट चौड़ा व बारह फीट ऊंचे पुल को सोमवार को जेसीबी से उखाड़कर किसी वाहन से ले जाने की बात सामने आ रही है। प्रशासन व जल संसाधन विभाग को इस करतूत की भनक तक नहीं लगी।

यह पुल सोन नहर अवर प्रमंडल नासरीगंज के अमियावर गांव के पास आरा मुख्य नहर पर बने कंक्रीट के पुल के बराबर लगभग पचीस फीट की दूरी पर था। यहां के ग्रामीण के अनुसार पुल से निकले लोहे को कई बार में पिकअप पर लाद कर ले जाया गया। स्थानीय लोगों का अनुमान है कि पुल से 20 टन लोहा मिला होगा। ग्रामीणों के मुताबिक पुल को उखाड़ने वाले ने खुद को सिंचाई विभाग का कर्मचारी बताया था।

चोरों ने इस हैरतअंगेज चोरी की घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया। ग्रामीणों ने बताया चोरों ने पुल को गैस कटर से काट दिया और जेसीबी से उसे उखाड़ कर गाड़ी पर लाद लिया और आराम से चलते बने। बाद में पता चला कि वे सिंचाई विभाग के अधिकारी नहीं, बल्कि चोर थे। हकीकत जानकर जहां ग्रामीण भी हैरत में पड़ गए तो दूसरी तरफ स्‍थानीय प्रशासन में भी पुल चोरी होने की घटना से खलबली मच गई।
वो चोर कौन थे और लोहे को कहां ले गए, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। स्थानीय लोग बताते हैं कि नहर के निर्माण के बाद गांव के लोग नाव से आर-पार होते थे। वर्ष 1966 में यात्री से भरी नाव नहर के गहरे पानी में डूब गर्ई थी। इसके बाद 1972 से 1975 के बीच नहर पर इस पुल का निर्माण तत्कालीन सरकार ने कराया था।

इस पुल के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर इसके समानांतर कंक्रीट पुल का निर्माण हुआ तो पुराने पुल से आवागमन बंद हो गया था। जिसके बाद गांव के बच्चे लोहे के पुल के ऊपर से नहर में छलांग लगाने का खेल खेलते थे और फोटो खिंचवाते थे। अब बच्चे भी परेशान हैं कि उनके खेल का एक साधन गायब कर दिया गया।

तो वहीं, पूर्व प्रखंड प्रमुख पवन कुमार ने विभागीय मुख्य अभियंता को सूचना देकर आरोप लगाया है कि पुल को गायब करने में स्थानीय विभागीय अधिकारियों और मौसमी कर्मचारियों की मिलीभगत है। इस मामले में पूछे जाने पर विभागीय सहायक अभियंता राधेश्याम सिंह ने बताया कि वे छुट्टी पर हैं। घटना की जानकारी होने पर कनीय अभियंता (जेई) को तत्काल थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में सिंचाई विभाग के कनीय अभियंता अरशद कमाल शम्सी ने बताया कि पुल को परित्यक्त घोषित कर दिया गया था। पुल का अधिकांश हिस्सा पिछले कई सालों में धीरे-धीरे चोरी हो चुका था। इस पुल को हटाना था, लेकिन ग्रामीणों द्वारा पता चला कि झांसा देकर कुछ लोग पुल ही चुरा ले गए। स्थानीय मुखिया ने आवेदन देकर इसे हटाने का अनुरोध किया है, लेकिन किसी कानूनी प्रक्रिया के बिना यह पुल कैसे गायब हो गया, यह जांच का विषय है। इस संबंध में नासरीगंज थाना में केस दर्ज कराया गया है।

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