धनबाद : भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। 10 दिनों के उत्सव में लोग अपने घरों एवं पंडालों में गणपति की स्थापना करते हैं। इस बार ये पर्व 10 सितंबर को है। इसकी पूर्व संध्या धनबाद में काफी हर्ष का माहौल दिखा।
लोग सड़को पर गणपति की मूर्ति लेने और लेकर घर आते नजर आये. खासकर बच्चो में काफी उत्साह दिखा। गणपति बाप्पा मोरया का नारा लगाते हुए बच्चे अपने गणपति का स्वागत करते नजर आये. गणेश पूजन को उत्तम समय दिन के 12: 18 बजे से रात के 09:58 बजे तक बताया गया है।
गणेश उत्सव पर बने पूजा पंडाल, लेकिन नहीं लगेगा मेला
गणेश उत्सव पर तेलीपाड़ा, बेकार-बांध भूली सहित अन्य स्थानों पर पंडाल का निर्माण किया गया है। जहां गणपति विराजेंगें। लेकिन प्रत्येक वर्ष जहां मेला लगता था। वहां सरकारी गाइडलाइन के अनुसार मेला नहीं लगाया जाएगा। मूर्तिकार दुलाल पाल बतातें हैं कि इस वर्ष एक फुट से पांच फूट तक प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस वर्ष घरों में पूजा करने के लिए छोटी मूर्तियों का ऑर्डर सर्वाधिक मिला।
मंदिरों में पूजे जाएंगे गणपति
भले ही मंदिरों में आम लोगों के प्रवेश को निषेध रखा गया है। फिर भी पुजारियों द्वारा शहर के विभिन्न मंदिरों में गणपति की विशेष पूजा-अर्चना होगी। जगजीवन नगर स्थित श्री बालाजी मंदिर में प्रत्येक वर्ष धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाता था।
गणेश उत्सव में दक्षिण भारतीय परिवार के साथ साथ आइएसएम आईआईटी के छात्र छात्राएं सहित आसपास से हजारों की संख्या में भक्तों का जुटान होता था। मंदिर कमेटी ने बताया कि इस वर्ष साधारण तरीके से गणेश उत्सव मनाया जाएगा। मंदिर परिसर में गणेश मूर्ति की विधिवत पूजा-अर्चना होगी। कमेटी के लोग इस अवसर पर सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य करेंगे।