झारखंड के दुमका जिले के बहुचर्चित अंकिता मर्डर केस में अब एक नई अपडेट आई है। मामले की जांच कर रही झारखंड पुलिस की स्पेशल टीम (SIT) इस केस में अगले सात दिनों में अपनी चार्जशीट दाखिल करेगी। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी टीम अंकिता के घर से कई अहम सबूत जुटा चुकी है। आरोपियों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। इस बीच दुमका के वकीलों ने इस केस में आरोपियों की पैरवी नहीं करने का फैसला लिया है।
मालूम हो कि इस केस में 12वीं की छात्रा अंकिता को जिस बेरहमी से मारा गया, उसे जानकर पूरे देश में आक्रोश का माहौल है। आरोपियों के लिए फांसी और पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिए जाने की मांग पर दुमका सहित झारखंड के कई शहरों में कई दिनों तक विरोध-प्रदर्शन हुआ। अब इस केस के आरोपियों की पैरवी से वकीलों ने इंकार करने का फैसला लिया है।
बार एसोसिएशन की बैठक में लिया गया फैसला
दुमका जिला बार एसोसिएशन की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अंकिता मर्डर केस के आरोपी शाहरुख और नईम की पैरवी कोई भी वकील नहीं करेगा। बार एसोसिएशन की बैठक में इस घटना की निंदा की गई। साथ ही आरोपी शाहरुख और नईम के पक्ष में केस नहीं लड़ने का फैसला लिया गया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
कल दुमका के वकील अंकिता को देंगे श्रद्धांजलि
दुमका बार एसोसिएशन के महासचिव राकेश कुमार ने बताया कि हमलोगों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मामले के आरोपियों का केस एसोसिएशन का कोई सदस्य नहीं लेगा। आरोपियों के पक्ष में कोई वकील केस में पैरवी नहीं करेंगे। साथ ही तीन सितंबर को दिन के तीन बजे शोक सभा कर दुमका की बेटी को श्रद्धांजलि दी जायेगी।
अंकिता के घर से जमा सैंपल जांच के भेजे गए रांची
इधर मामले की जांच में जुटी पुलिस ने एक सप्ताह के अंदर छानबीन पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट जमा करने की बात कही है। अंकिता मर्डरकेस के दोनो आरोपियों शाहरुख और नईम उर्फ छोटू को 72 घंटे के रिमांड पर लेकर पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। अंकिता के घर से जब्त किए गए नमूनों की फोरेंसिक लेबोरेट्री में जांच के लिए अदालत से अनुमति ली गई। फोरेंसिक जांच के लिए सैंपल रांची भेज दिया गया है। दो से तीन दिनों में उसकी रिपोर्ट आ जाएगी।
एक माह के अंदर सुनाई जा सकती है सजा
एसआईटी सूत्रों के अनुसार पुलिस की तैयारी है कि एक सप्ताह के अंदर स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर कर दिया जाए। हाई कोर्ट भी इस केस की मॉनिटरिंग कर रहा है। समय पर पुलिस अगर चर्जशीट जमा कर देती है तो स्पेशल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल चला कर एक माह के अंदर इस मामले में सजा सुनाई जा सकती है।