केंद्र सरकार का कहना है कि पिछले सात सालों के दौरान साढ़े आठ लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है। सरकार ने यह भी कहा कि करीब 100 लाख यानी एक करोड़ से अधिक भारतीय लोग विदेशों में रह रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) बनाने पर अभी फैसला लिया जाना है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के अंतर्गत आता है, वह कानून के नियमों के अधिसूचित होने के बाद भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 1 दिसंबर को संसद को बताया था कि पिछले सात वर्षों में 20 सितंबर तक 6,08,162 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी। इसमें से 1,11,287 लोगों ने इस साल 20 सितंबर तक अपनी भारतीय नागरिकता का त्याग किया था। उन्होंने कहा कि 10,645 विदेशी नागरिकों, जिनमें से ज्यादातर पाकिस्तान (7,782) और अफगानिस्तान (795) से हैं, ने 2016 और 2020 के बीच भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में 100 लाख से अधिक भारतीय विदेशों में रह रहे हैं।
असम के बारे में गृह मंत्रालय ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर, NRC में शामिल किए जाने की सप्लीमेंट्री लिस्ट और इससे बाहर करने की ऑनलाइन फैमिली वाइज़ लिस्ट की हार्ड कॉपी 31 अगस्त 2019 को पब्लिश की जा चुकी है।