शाम तक बिपरजॉय के प्रकोप से मिलेगी राहत, चक्रवात से अब तक 23 लोग घायल, 24 पशुओं की मौत

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चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) अब कमजोर पड़ गया है लेकिन गुजरात में कई स्थानों पर इसकी तबाही के निशान देखे जा सकते हैं। कच्छ में बिजली के खंभों के गिरने के कारण करीब 45 गांव अंधेरे में डूब गए और जगह जगह पेड़ उखड़ गए। NDRF ने जानकारी दी कि गुजरात में चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के कारण 23 लोग घायल हुए और 24 पशुओं की मौत हो गई। चक्रवात के चलते दो लोगों की मृत्यु हो गई।

शाम तक कमजोर हो जाएगा बिपरजॉय

IMD के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय जो कल रात को सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में केंद्रित था, वो धीरे-धीरे ईस्ट-नॉर्थ-ईस्ट दिशा में गति करते हुए आज सुबह 8:30 बजे भुज से पश्चिम- उत्तर-पश्चिम दिशा में 30 किलोमीटर दूरी पर केंद्रित है। यह थोड़ा कमजोर हुआ है। शाम तक यह तूफान कमजोर होकर एक गहरे दबाव में परिवर्तित हो जाएगा।

Biparjoy: हजार गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित

NDRF के DG अतुल करवाल ने जानकारी दी कि लैंडफॉल से पहले 2 लोगों की मौत हुई थी। लैंडफॉल के बाद कोई जनहानि नहीं हुई। 24 जानवरों की मृत्यु हुई है और 23 लोग घायल हुए हैं। करीब हजार गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है। 800 पेड़ गिरे हैं। उन्होंने कहा कि राजकोट के अलावा कहीं और भारी बारिश नहीं हो रही है।

NDRF डीजी ने कहा कि तूफान जैसे-जैसे कमजोर और गहरे दबाव में परिवर्तित हो रहा है, तो इससे दक्षिण राजस्थान में बारिश होने की संभावना है। राजस्थान सरकार के अनुरोध पर हमने एक टीम जालौर में पहुंचा दी है। इसके अलावा हमारी कर्नाटक में 4, महाराष्ट्र में भी 5 टीमें तैनात हैं।

बिपरजॉय: 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं हवाएं

एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान के जखाऊ बंदरगाह के निकट पहुंचने की प्रक्रिया शाम करीब 6.30 बजे शुरू हुई और देर रात 2.30 तक चली। इस दौरान पूरे कच्छ जिले में भारी बारिश हुई। बिपरजॉय के कारण 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और भारी बारिश से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए और समुद्र का पानी निचले इलाके के गांवों में भर गया। द्वारका में Cyclone Biparjoy के कारण कई जगहों पर जलभराव देखने को मिला। NDRF कर्मियों ने रुपेन बंदर के निचले इलाके में फंसे 2 लोगों को बचाया।

गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश

IMD की एक वैज्ञानिक ने जानकारी दी कि चक्रवात की तीव्रता कम हुई है। इसके कारण कच्छ में भारी बारिश हो सकती है। द्वारका, जामनगर, मोरबी में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है। पोबंदर, राजकोट सहित कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है। पूरे गुजरात में बारिश होने की संभावना है। कल कच्छ, पाटन, महसाना , बनासकांठा में अति भारी बारिश हो सकती है।

वहीं, भुज SP करण सिंह वघेला ने कहा कि मुंद्रा, मांडवी, नलिया, जखाऊ आदि जगह पर भारी बारिश के साथ तेज़ हवाएं चल रही हैं। पुलिस की टीम हर जगह तैनात हैं। पुलिस पूरे ज़िले में तैनात है जिससे कहीं भी कुछ जरूरत हो वहां पहुंच सके। जहां भी रोड ब्लॉक है उसे जल्द से जल्द साफ कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी जनहानि की सूचना अभी तक नहीं आई है। हम लोगों से अपील करते हैं चक्रवात का पूरी तरह से शांत हो जाने के बाद ही वे अपने घर से बाहर निकलें।

पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री को किया फोन

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य आपदा अभियान केन्द्र में हालात तथा राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। राज्य सरकार ने कहा कि आठ प्रभावित जिलों में 631 चिकित्सा दल और 504 एंबुलेंस तैनात की गई हैं। अधिकरियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को तैनात किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार रात मुख्यमंत्री पटेल से फोन पर बात कर बिपरजॉय के आने के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा।

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