आंध्र प्रदेश की राजनीति में इन दिनों सीएम जगन मोहन रेड्डी और विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू के बीच विवाद जोरों पर है। सत्ता में आने के बाद से ही तेलगुदेशम पार्टी, सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस पर बदले की भावना से सरकार चलाने का आरोप लगा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को चंद्रबाबू नायडू ने एक ऐसी प्रतिज्ञा ले ली है, जो दोनों पार्टियों के बीच के टकराव को और बढ़ा सकती है।
तेलगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वो संकल्प लेते हैं, जबतक उनकी पार्टी सत्ता में नहीं लौटेगी वो आंध्र प्रदेश विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे। भावना से भरे स्वर में, विपक्ष के नेता ने सदन में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उन पर लगातार किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं।
नायडू ने कहा- “पिछले ढाई साल से मैं अपमान सह रहा हूं लेकिन शांत रहा। आज उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है। मैं हमेशा सम्मान के साथ जीया। मैं इसे और नहीं ले सकता।” सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने नायडू की प्रतिज्ञा को नाटक करार दिया है।
वहीं दूसरी और चंद्रबाबू नायडू के एक समर्थक ने भी कुछ ऐसी ही कसम ले ली है। नायडू के एक समर्थक श्रीनिवासुलु ने आधा सिर और मूंछ मुड़वा लिया है। उसका कहना है कि जबतक चंद्रबाबू की सरकार नहीं बन जाती, वो ऐसे ही रहेगा। टीडीपी नेता ने गले में एक स्लेट भी लटका रखा हैं, जिसमें लोगों से नायडू को फिर से वोट देने और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात लिखी गई है।
श्रीनिवासुलु का दावा है कि सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी ने निकाय चुनाव में नियमों का उल्लंघन किया है। मंत्री अनिल कुमार और उनके समर्थकों ने नेल्लोर नगर निकाय चुनावों में वोट खरीदने के लिए कथित तौर पर बड़ी रकम का भुगतान किया। जिससे उनकी पार्टी इन चुनाव में हार गई। वहीं दूसरी सत्ताधारी वाईएसआरसीपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। वाईएसआरसीपी की राज्य में सरकार बनी थी, और चंद्रबाबू नायडू को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। जिसके बाद जगन मोहन रेड्डी सीएम बने थे।