देश का महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 अपने आखिरी फेज में पहुंच गया है। बस चंद घंटों बाद भारत रचेगा इतिहास। चंद्रयान-3 चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि आज यानी बुधवार (23 अगस्त) शाम 6:04 बजे चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। भारत से पहले चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के मामले में अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन को पहले सफलता मिल चुकी है।
कई सारे बदलाव
मिशन मून की लैंडिंग में लगभग 80 प्रतिशत तक बदलाव किया गया है। र्व वैज्ञानिक वाईएस राजन के मुताबिक कि चंद्रयान -2 से कई सारी सीख लेते हुए इसमें चंद्रयान-3 में कई सारे बदलाव किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरते समय सिर्फ हाईट देखता था, जिसे अल्टीमीटर के नाम से जाना जाता है। जबकि चंद्रयान -3 को वेलोसिटी मीटर भी लैस किया गया है। जिसे डॉप्लर के नाम से जाना जाता है। इससे ऊंचाई और गति दोनों अहम चीजों का पता आसानी चल सकेगा।
आखिरी 15 मिनट बेहद खतरनाक
चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को आज शाम 6:04 मिनट पर उतारा जाएगा। इसरो के पूर्व प्रमुख ने बताया कि मिशन मून के लिए आखिरी 15 मिनट बहुत कठिन होने वाले हैं। चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को आज शाम 6:04 मिनट पर उतारा जाएगा। इसरो के पूर्व प्रमुख ने बताया कि मिशन मून के लिए आखिरी 15 मिनट बहुत अहम होने वाले हैं। अगर सब कुछ अच्छा रहा तो, विक्रम कुछ समय बाद विक्रम चंद्रमा के साउथ पोल पर उतर जाएगा। इसके लैंडर विक्रम रोवर प्रज्ञान के लिए अपना दरवाजा खोलेगा, जिसमें छ पहिये लगे हुए हैं और इसका आकार एक कॉफ़ी टेबल की तरह है।
आज नहीं हुई साफ्ट लैंडिंग तो, 27 को होगी
देश और दुनिया की नजर मिशन मून चंद्रयान-3 पर टिकी हुई है। मिशन को लेकर जितना उत्साह और रोमांच है उतना ही चांद पर उतरना जटिल और मुश्किल। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 23 अगस्त को चंद्रयान की सफल लैंडिंग कराने में किसी में प्रकार की समस्या पैदा होने पर अपनी योजना को बदल सकती है। इसरो सैंटिस्ट नीलेश एम देसाई ने बताया कि पूर्व निर्धारित तिथि और समय पर साफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया में अड़चन आने पर इसे 27 अगस्त के लिए स्थगित किया जा सकता है।