देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सभी 6 दोषियों की रिहाई के मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि बीते 11 नवंबर को राजीव गांधी की हत्या के दोषियों में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को देश की सर्वोच्च अदालत ने सजा पूरी होने से पहले ही रिहा करने का आदेश दिया था।
कांग्रेस नेता ने क्या कहा:
वहीं कांग्रेस ने सोमवार(21 नवंबर) को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी। इससे पहले केंद्र की तरफ से दोषियों को रिहा करने को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर करने पर गुरुवार(17 नवंबर) को कांग्रेस ने सरकार पर कटाक्ष किया था। AICC के महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का सरकार का फैसला देरी से मिलने वाला ज्ञान जैसा है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “भाजपा सरकार इस मामले के प्रति पूरी तरह से उदासीन रही है। घोड़े की नाल के बाद दरवाजे पर ताला लगाने का क्या मतलब है!”
गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को लिट्टे के मानव बम द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी। इस मामले में नलिनी श्रीहरन छह दोषियों में से एक थीं। वह 31 साल बाद 12 नवंबर को जेल से बाहर आई है। बता दें कि नलिनी भारत की सबसे लंबे समय तक महिला कैदी रहीं। सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने 18 मई 2022 में रिहा हुए एक अन्य दोषी पेरारीवलन के मामले पर सुनवाई करते हुए दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है।
कौन-कौन हुआ रिहा:
नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, आरपी रविचंद्रन, संथान, मुरुगन और जयकुमार रिहा होने वालों में शामिल हैं। बता दें कि नलिनी श्रीहरन करीब 31 साल जेल में रही हैं। नलिनी को 14 जून, 1991 को गिरफ्तार किया गया था। जिस वक्त नलिनी की गिरफ्तारी हुई थी, उस दौरान उसकी उम्र 24 साल थी।